Friday 28 June 2013

टमाटर के फायदे ...// The advantages of tomato ...

टमाटर खाना हो सकता है बेहद फायदेमंद ये है इसे खाने के 5 बड़े कारण---
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टमाटर सिर्फ स्वाद में ही खट्टा-मीठा नहीं होता बल्कि टमाटर कई तरह के औषधिय गुणों से भी भरपूर होता है। टमाटर एंटी-ऑक्सीडेंट और खासकर लाइकोपीन से भरपूर होता है। लाइकोपीन ही टमाटर को लाल रंग देता है। यह प्रोस्टेट कैंसर तथा हृदयाघात की सम्भावना को भी कम करता है।टमाटर में प्रोटीन, विटामिन, वसा आदि तत्व विद्यमान होते हैं। यह सेवफल व संतरा दोनों के गुणों से युक्त होता है। कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है इसके अलावा भी टमाटर खाने से कई लाभ होते हैं। पौष्टिक तत्वों से भरपूर टमाटर हर मौसम में फायदेमंद है। आप चाहे इसे सब्जी में डालें या सलाद के रूप में या किसी और रूप में, यह आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। आइए, जानें टमाटर के फायदे .....

भोजन करने से पहले दो या तीन पके टमाटरों को काटकर उसमें पिसी हुई कालीमिर्च, सेंधा नमक एवं हरा धनिया मिलाकर खाएं। इससे चेहरे पर लाली आती है व पौरूष शक्ति बढ़ती है। पेट में कीड़े होने पर सुबह खाली पेट टमाटर में पिसी हुई कालीमिर्च लगाकर खाने से लाभ होता है।डाइबिटीज व दिल के रोगों में भी टमाटर बहुत उपयोगी होता है। प्रात: बिना कुल्ला किए पका टमाटर खाना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है। टमाटर खाने वालों को कैन्सर रोग नहीं होता।

दमा रोगियों को चाहिए कि वे पूरे वर्ष टमाटर उपलब्ध रखें। इसके नियमित सेवन से श्वासनली शोथ कम होता है। प्राकृतिक चिकित्सकों का कहना है कि टमाटर खाने से अतिसंकुचन भी दूर होता है और खाँसी तथा बलगम से भी राहत मिलती है। इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

टमाटर के नियमित सेवन से पेट साफ रहता है।टमाटर इतने पौष्टिक होते हैं कि सुबह नाश्ते में केवल दो टमाटर संपूर्ण भोजन के बराबर होते हैं और सबसे बड़ी बात तो यह है कि इनसे आपके वजन में जरा भी वृद्धि नहीं होगी। इसके अलावा यह पूरे शरीर के छोटे-मोटे विकारों को दूर करता है।

टमाटर के गूदे में दूध व नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे पर चमक आती है। टमाटर झुर्रियों को कम करता है और रोम छिद्रों को बड़ा करता है। इसके लिए टमाटर और शहद के मिश्रण वाला फेस पैक इस्तेमाल करें। टमाटर के छिलके और बीज को निकाल दें। इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। टमाटर से पाचन शक्ति बढ़ती है।

टमाटर में विटामिन ए काफी मात्रा में पाया जाता है, यह आँखों के लिए बहुत लाभकारी है। टमाटर से पाचन शक्ति बढ़ती है। इसके लगातार सेवन से जिगर बेहतर ढंग से काम करता है और गैस की शिकायत भी दूर होती है।जो लोग अपना वजन कम करने के इच्छुक हैं, उनके लिए टमाटर एक वरदान है। एक मध्यम आकार के टमाटर में केवल 12 कैलोरीज होती है, इसलिए इसे पतला होने के भोजन के लिए उपयुक्त माना जाता है।

Thursday 27 June 2013

गेहूं के खास नुस्खे, इन बीमारियों में ये है जबरदस्त रामबाण / Special tips for wheat, these diseases have these tremendous panacea

गेहूं के खास नुस्खे, इन बीमारियों में ये है जबरदस्त रामबाण / Special tips for wheat, these diseases have these tremendous panacea

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आमतौर पर गेहूं को महज एक अनाज के तौर पर जाना जाता है लेकिन ये बात बहुत ही कम लोग जानते हैं कि गेहूं एक औषधि के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। गेहूं का वानस्पतिक नाम ट्रिटिकम एस्टीवम है और इसे हिन्दुस्तान के लगभग सभी हिस्सों में खेती कर अनाज के लिए उगाया जाता है। मध्यप्रदेश के पातालकोट की बात हो या गुजरात प्रांत के डाँग की, हर एक आदिवासी इलाकों में गेहूं को अनेक हर्बल नुस्खों में उपयोग में लाया जाता है। चलिए आज जानते है गेहूं के ऐसे ही कुछ चुनिंदा हर्बल नुस्खों के बारे जिन्हें जानकर आप को भी आनंद आ जाएगा।

गेहूं के संदर्भ में आदिवासियों के परंपरागत हर्बल ज्ञान का जिक्र कर रहें हैं डॉ दीपक आचार्य (डायरेक्टर-अभुमका हर्बल प्रा. लि. अहमदाबाद)। डॉ. आचार्य पिछले 15 सालों से अधिक समय से भारत के सुदूर आदिवासी अंचलों जैसे पातालकोट (मध्यप्रदेश), डाँग (गुजरात) और अरावली (राजस्थान) से आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान को एकत्रित कर उन्हें आधुनिक विज्ञान की मदद से प्रमाणित करने का कार्य कर रहें हैं।

गेहूं के दानों को पानी में उबालकर पानी को पीने से याददाश्त बेहतर होती है। आदिवासियों के अनुसार यह शारीरिक स्फ़ुर्ती के लिए भी अच्छा होता है।

आदिवासियों के अनुसार गेहूं की पत्तियों में पानी को साफ करने की क्षमता होती है। गेहूं की पत्तियों को तोडकर पानी में डाल दिया जाए तो कुछ ही समय में पानी की गंदगी पत्तियों की सतह पर चिपक जाती है और पानी साफ हो जाता है।

बालतोड (त्वचा से बाल के जडों से टूटने पर बनने वाला घाव) हो जाने पर लगभग 20-25 दानों पीसकर बालतोड वाले हिस्से पर दिन में तीन बार लगाने से अतिशीघ्र आराम मिलता है।

आदिवासियों के अनुसार व्हीट-ग्रास के लगातार उपभोग से चेहरे की लालिमा बढ जाती है और खून भी साफ़ होता है। इसके जूस को प्रात: खाली पेट पीने से बेहद फायदा होता है।

गेहूं के ताजे कोमल पौधों को जिन्हें व्हीट-ग्रास कहा जाता है, पीसकर रस निकालकर पिया जाए तो मधुमेह रोग में लाभ होता है और यह सामान्य लोगों के लिए भी बड़ा गुणकारी है। हर व्यक्ति को प्रतिदिन व्हीट-ग्रास जूस का सेवन करना चाहिए।

गेहूं और चने को पानी में उबालकर छान लिया जाए और शेष प्राप्त पानी का सेवन किया तो मूत्राशय और किडनी की पथरी गल जाती है और बाहर निकल आती है, इसका सेवन एक माह तक लगातार करना चाहिए।

गेहूं के दानों को रात भर पानी में भिगोकर सुबह चबाने से बांझपन और नपुंसकता दूर होती है। डाँग- गुजरात में आदिवासी रात भर भिगोए गेहूं के दानों को सुबह कुचलकर थोडी मात्रा में शहद मिलाकर नि:संतान माता और पिता को खाने की सलाह देते हैं।

उच्च रक्त चाप के रोगियों को गेहूं के आटे को छानकर चोकर (छानने के बाद बचा आटा) तैयार कर उसे दूध में उबालकर प्रतिदिन लेना चाहिए, इससे काफी फ़ायदा होता है।

आदिवासी गेहूं की रोटी सेंकते समय एक हिस्सा कच्चा रहने देते है, इस पर तिल का तेल लगाकर कमर दर्द वाले अंग पर बांध देते है, दर्द दूर हो जाता है।

बालों के लिये २७ प्रभावशाली उपाय / 27 effective remedy for hair

बालों के लिये २७ प्रभावशाली उपाय  / 27 effective remedy for hair

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1- घी खाएं और बालों के जड़ों में घी मालिश करें।

2- गेहूं के जवारे का रस पीने से भी बाल कुछ समय बाद काले हो जाते हैं।
3- तुरई या तरोई के टुकड़े कर उसे धूप मे सूखा कर कूट लें। फिर कूटे हुए मिश्रण में इतना नारियल तेल डालें कि वह डूब जाएं। इस तरह चार दिन तक उसे तेल में डूबोकर रखें फिर उबालें और छान कर बोतल भर लें। इस तेल की मालिश करें। बाल काले होंगे।
4- नींबू के रस से सिर में मालिश करने से बालों का पकना, गिरना दूर हो जाता है। नींबू के रस में पिसा हुआ सूखा आंवला मिलाकर सफेद बालों पर लेप करने से बाल काले होते हैं।
5- बर्रे(पीली) का वह छत्ता जिसकी मक्खियाँ उड़ चुकी हो 25 ग्राम, 10-15 देसी गुड़हल के पत्ते,1/2 लीटर नारियल तेल में मंद मंद आग पर उबालें सिकते-सिकते जब छत्ता काला हो जाये तो तेल को अग्नि से हटा दें. ठंडा हो जाने पर छान कर तेल को शीशी में भर लें. प्रतिदिन सिर पर इसकी हल्के हाथ से मालिश करने से बाल उग जाते हैं और गंजापन दूर होता है.
6- कुछ दिनों तक, नहाने से पहले रोजाना सिर में प्याज का पेस्ट लगाएं। बाल सफेद से काले होने लगेंगे। 7- नीबू के रस में आंवला पाउडर मिलाकर सिर पर लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं। 8- तिल का तेल भी बालों को काला करने में कारगर है। 9- आधा कप दही में चुटकी भर काली मिर्च और चम्मच भर नींबू रस मिलाकर बालों में लगाए। 15 मिनट बाद बाल धो लें। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।
10- नीम का पेस्ट सिर में कुछ देर लगाए रखें। फिर बाल धो लें। बाल झड़ना बंद हो जाएगा।
11- चाय पत्ती के उबले पानी से बाल धोएं। बाल कम गिरेंगे। 12- बेसन मिला दूध या दही के घोल से बालों को धोएं। फायदा होगा। 13- दस मिनट का कच्चे पपीता का पेस्ट सिर में लगाएं। बाल नहीं झड़ेंगे और डेंड्रफ (रूसी) भी नहीं होगी।
12- 250 ग्राम अमरबेल को लगभग 3 लीटर पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाये तो इसे उतार लें। सुबह इससे बालों को धोयें। इससे बाल लंबे होते हैं।
13- त्रिफला के 2 से 6 ग्राम चूर्ण में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लौह भस्म मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
14- 50 ग्राम कलौंजी 1 लीटर पानी में उबाल लें। इस उबले हुए पानी से बालों को धोएं। इससे बाल 1 महीने में ही काफी लंबे हो जाते हैं।
15- नीम और बेर के पत्तो को पानी के साथ पीसकर सिर पर लगा लें और इसके 2-3 घण्टों के बाद बालों को धो डालें। इससे बालों का झड़ना कम हो जाता है और बाल लंबे भी होते हैं।
16- लहसुन का रस निकालकर सिर में लगाने से बाल उग आते हैं।
17- सीताफल के बीज और बेर के बीज के पत्ते बराबर मात्रा में लेकर पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं। ऐसा करने से बाल लंबे हो जाते हैं।
18- 10 ग्राम आम की गिरी को आंवले के रस में पीसकर बालों में लगाना चाहिए। इससे बाल लंबे और घुंघराले हो जाते हैं।
19- शिकाकाई और सूखे आंवले को 25-25 ग्राम लेकर थोड़ा-सा कूटकर इसके टुकड़े कर लें। इन टुकड़ों को 500 ग्राम पानी में रात को डालकर भिगो दें। सुबह इस पानी को कपड़े के साथ मसलकर छान लें और इससे सिर की मालिश करें। 10-20 मिनट बाद नहा लें। इस तरह शिकाकाई और आंवलों के पानी से सिर को धोकर और बालों के
सूखने पर नारियल का तेल लगाने से बाल लंबे, मुलायम और चमकदार बन जाते हैं। 20- ककड़ी में सिलिकन और सल्फर अधिक मात्रा में होता है जो बालों को बढ़ाते हैं। ककड़ी के रस से बालों को धोने से तथा ककड़ी, गाजर और पालक सबको मिलाकर रस पीने से बाल बढ़ते हैं। यदि यह सब उपलब्ध न हो तो जो भी मिले उसका रस मिलाकर पी लें। इस प्रयोग से नाखून गिरना भी बन्द हो जाता है।
21- कपूर कचरी 100 ग्राम, नागरमोथा 100 ग्राम, कपूर तथा रीठे के फल की गिरी 40-40 ग्राम, शिकाकाई 250 ग्राम और आंवले 200 ग्राम की मात्रा में लेकर सभी का चूर्ण तैयार कर लें। इस मिश्रण के 50 ग्राम चूर्ण में पानी मिलाकर लुग्दी(लेप) बनाकर बालों में लगाना चाहिए। इसके पश्चात् बालों को गरम पानी से खूब साफ कर लें। इससे सिर के अन्दर की जूं-लींकें मर जाती हैं और बाल मुलायम हो जाते हैं।
22- गुड़हल के फूलों के रस को निकालकर सिर में डालने से बाल बढ़ते हैं। 23- गुड़हल के ताजे फूलों के रस में जैतून का तेल बराबर मिलाकर आग पर पकायें, जब जल का अंश उड़ जाये तो इसे शीशी में भरकर रख लें। रोजाना नहाने के बाद इसे बालों की जड़ों में मल-मलकर लगाना चाहिए। इससे बाल चमकीले होकर लंबे हो जाते हैं।
24- बालों को छोटा करके उस स्थान पर जहां पर बाल न हों भांगरा के पत्तों के रस से मालिश करने से कुछ ही दिनों में अच्छे काले बाल निकलते हैं जिनके बाल टूटते हैं या दो मुंहे हो जाते हैं।
25- त्रिफला के चूर्ण को भांगरा के रस में 3 उबाल देकर अच्छी तरह से सुखाकर खरल यानी पीसकर रख लें। इसे प्रतिदिन सुबह के समय लगभग 2 ग्राम तक सेवन करने से बालों का सफेद होना बन्द जाता है तथा इससे आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
26- आंवलों का मोटा चूर्ण करके, चीनी के मिट्टी के प्याले में रखकर ऊपर से भांगरा का इतना डाले कि आंवले उसमें डूब जाएं। फिर इसे खरलकर सुखा लेते हैं। इसी प्रकार 7 भावनाएं (उबाल) देकर सुखा लेते हैं। प्रतिदिन 3 ग्राम की मात्रा में ताजे पानी के साथ सेवन से करने से असमय ही बालों का सफेद होना बन्द जाता
है। यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने वाला, उम्र को बढ़ाने वाला लाभकारी योग है।
27- भांगरा, त्रिफला, अनन्तमूल और आम की गुठली का मिश्रण तथा 10 ग्राम मण्डूर कल्क व आधा किलो तेल को एक लीटर पानी के साथ पकायें। जब केवल तेल शेष बचे तो इसे छानकर रख लें। इसके प्रयोग से बालों के सभी प्रकार के रोग मिट जाते हैं।

Wednesday 26 June 2013

Google Glass Gets Its First Porn App


                 Google Glass Gets Its First Porn App

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The first porn app came to Google Glass on Monday, called — in true tongue-in-cheek form — "Tits and Glass."

Adult company MiKandi is behind the first adult-centric app intended for the high-tech specs, allowing users to watch videos and photos filmed with Google Glass. The app is available for download now, but those without the device can still browse and interact on the site [link is NSFW; proceed with caution].

"Unlike other hands-free recording devices, wearing Glass is easy and familiar," MiKandi co-founder Jennifer McEwen told Mashable. "Because of that, you can forget about the technology on your head and be in the moment. The result is an authentic look at the wearer's experiences."

The company is also interested in making the experience more intimate for adults.

"Besides point-of-view content, we're interested in Glass' potential to facilitate two-way adult interaction. For example, between long-distance couples, cam models and fans or strangers."

Although the porn industry has been fast to adopt emerging technology, McEwen said it has actually slowed in terms of innovation within the last few years.

The old adage that porn drives tech is sadly no longer true," she said. "Over the last decade, adult companies have seen themselves locked out of more and more technologies and services — the latest being mobile applications. Adopting new technology is costly and time consuming, so it's no wonder why some the industry have become risk adverse."

Not all adult companies see the value of implementing time and resources into embracing the new technology.

The reaction to Google Glass has been 50/50 between companies such as MiKandi who see the potential of this new device and plan to develop products for it, and those who prefer to wait and see,McEwen said. "We're excited at the possibilities Glass holds for more interactive applications as the technology matures.

Turn any laptop into a touchscreen device

Turn any laptop into a touchscreen device

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Portronics Handmate Pen adds touchscreen experience to any Windows 8 machine

Portronics Handmate Windows 8 Pen is one of those nifty little devices that seem too good to be true when you first read about them. It promises to turn any Windows 8 laptop into a touchscreen device, letting you experience the joys of owning one of those 'hybrid' devices at fraction of the cost. But does it work? Let's find out.
Setting up the Handmate Windows 8 Pen is simple - just connect it to any available USB port on your Windows 8 laptop and fix the receiving unit on one of the edges of the screen, about halfway from the top. Go to Control Panel to calibrate the screen (the device comes with instructions on where exactly to go) and a barely a minute later, you are good to go. We hooked up the device to a HP Windows 8 laptop, but any standard Windows 8 machine should do.
Put in the batteries into the pen-shaped stylus and start operating your Windows 8 device by touching your laptop screen - swipe around the Windows 8 home screen, touch to start applications, swipe from edge to bring up the system menu and more, just like your device always had touch. The device really comes into its own when playing games like Cut The Rope or when you want to put finishing touches to your masterpiece in Paint.
However, there's more to touch than just fun and games - combine the Handmate Windows 8 Pen with Microsoft Office's Inking capabilities (found under the Review tab) and you have perhaps the fastest way to give feedback on Office documents while on the move.
A word of caution though, if you're used to super sensitive touch experience of the iPad and the likes, the Handmate Windows 8 Pen will take some getting used to. The stylus requires slightly heavier pressing than you'd probably expect, but not the kind that'll wear you down. It's a small adjustment to make, and one you'll likely make swiftly.
The Handmate Windows 8 Pen comes bundled with spare stylus and batteries that power the stylus. Portronics claims 500 hours of battery life given working/ standby ratio of 1:9. The sensors on the Handmate Windows 8 Pen use a combination of infrared and ultrasound technologies and work on screens sized 16-inches and below, which means it is good to use with laptops and even desktop monitors of that size. A newer generation product that will work with screen sizes of up to 25-inches is expected soon.
All in all, Handmate Windows 8 Pen offers a decent option for those looking to add a dash of touch to their Windows 8 experience. At Rs. 4,999 it's a not-so-expensive option to see if touch fits in your workflow before you take the plunge and buy an expensive native touchscreen device.

Firefox OS-based phone that cost Rs. 3,000 coming soon

Lava to launch sub-Rs. 3,000 Firefox OS-based mobiles in India

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Mozilla unveiled its Firefox OS-based Keon and Peak smartphones earlier this year. Later on ZTE, went on to showcase its Open phone running on this operating system at the Mobile World Congress 2013.
Huawei, LG and Sony too have indicated that they will be looking at making smartphones based on Firefox OS. The Indian smartphone maker, Lava too has acknowledged that the company is currently working on Firefox OS-based smartphones.
NDTV Gadgets spoke exclusively to Hari Om Rai, co-founder and Director, Lava International Ltd. and asked if the company had plans to launch smartphones based on any other platform. Rai confirmed that Lava was working on a Firefox OS-based smartphone that the company is looking at pricing below Rs. 3,000.
However Rai did not give out any details in regards to the time frame by when this device will be start retailing in the Indian market, nor did he share any other specifications..
Lava Mobiles is currently offering mobiles and tablets based on Android smartphone. The company has recently launched Iris 504Q smartphone in India. Priced at Rs. 13,499, this smartphone comes with gesture control feature.
While speaking to NDTV Gadgets, Rai also revealed that in the month of May, the company managed to sell over 9 lakh Lava devices. The company is targeting sales of 2 million units (20 lakh) per month by the end of this year.
The company is also betting big on the tablet space and believes that this segment has a lot of potential in the market especially in the education sector.
                                          

लहसुन के अनोखे गुण / The unique properties of garlic

लहसुन के अनोखे गुण  /  The unique properties of garlic

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लहसुन में 6 प्रकार के रसों में से 5 रस पाये जाते हैं, केवल अम्ल नामक रस नहीं पाया जाता है।


निम्न रस - मधुर - बीजों में, लवण - नाल के अग्रभाग में, कटु - कन्दों में, तिक्त - पत्तों में, कषाय - नाल में। ""रसोनो बृंहणो वृष्य: स्गिAधोष्ण:
पाचर: सर:।"" अर्थात् लहसुन वृहण (सप्तधातुओं को बढ़ाने वाला, वृष्य - वीर्य को बढ़ाने वाला), रस, रक्त, माँस, मेद, अस्थि, म”ाा, शुक्र स्निग्धाकारक, उष्ण प्रकृत्ति वाला, पाचक (भोजन को पचाने वाला) तथा सारक (मल को मलाशय की ओर धकेलने वाला) होता है।

""भग्नसन्धानकृत्"" - टूटी हुई हçड्डयों को जो़डने वाला, कुष्ठ के लिए हितकर, शरीर में बल, वर्ण कारक, मेधा और नेत्र शक्ति वर्धक होता है।
लहसुन सेवन योग्य व्यक्ति के लिए पथ्य - अपथ्य: पथ्य : मद्य, माँस तथा अम्ल रस युक्त भक्ष्य पदार्थ हितकर होते हैं - ""मद्यंमांसं तथाडमल्य्य हितं लसुनसेविनाम्""।

अहितकर : व्यायाम, धूप का सेवन, क्रोध करना, अधिक जल पीना, दूध एवं गु़ड का सेवन निषेध माना गया है।

रासायनिक संगठन : इसके केन्द्रों में एक बादामी रंग का उ़डनशील तेल पाया जाता है, जिसमें प्रधान रूप से Allyl disulphible and Allyl propyldisulphide और अल्प मात्रा में Polysulphides पाये जाते हैं। इन सभी की क्रिया Antibacterial होती है तथा ये एक तीव्र प्रतिजैविक Antibiotics का भी काम करते हैं।

श्वसन संस्थान पर लहसनु के उपयोग:
1. लहसुन के रस की 1 से 2 चम्मच मात्रा दिन में 2-3 बार यक्ष्मा दण्डाणुओं (T.B.) से उत्पन्न सभी विकृत्तियों जैसे - फुफ्फुस विकार, स्वर यन्त्रशोथ में लाभदायक होती है। इससे शोध कम होकर लाभ मिलता है।
2. स्वर यन्त्रशोथ में इसका टिंक्चर 1/2 - 1 ड्राप दिन में 2-3 बार देने पर लाभ होता है।
3. पुराने कफ विकार जैसे - कास, श्वास, स्वरभङग्, (Bronchitis) (Bronchiectasis) एवं श्वासकृच्छता में इसका अवलेह बनाकर उपयोग करने से लाभ होता है।
4. चूंकि लहसुन में जो उ़डनशील तैलीय पदार्थ पाया जाता है, उसका उत्सर्ग त्वचा, फुफ्फुस एवं वृक्क द्वारा होता है, इसी कारण ज्वर में उपयोगी तथा जब इसका उत्सर्ग फुफ्फुसों (श्वास मार्ग) के द्वारा होता है, तो कफ ढ़ीला होता है तथा उसके जीवाणुओं को नाश होकर कफ की दुर्गन्ध दूर हो जाती है।
5.(Gangerene of lungs) तथा खण्डीय (Lobar pneumonia) में इसके टिंक्चर 2-3 बूंद से आरंभ कर धीरे-धीरे बूंदों की मात्रा बढ़ाकर 20 तक ले जाने से लाभ होता है।
6. खण्डीय फुफ्फुस पाक में इसके टिंक्चर की 30 बूंदें हर 4 घण्टे के उपरान्त जल के साथ देने से 48 घण्टे के अन्दर ही लाभ मालूम होता है तथा 5-6 दिन में ज्वर दूर हो जाता है।
7. बच्चों में कूकर खांसी, इसकी कली के रस की 1 चम्मच में सैंधव नमक डालकर देने से दूर होती है। 8. अधिक दिनों तक लगातार चलने वाली खाँसी में इसकी 3-4 कलियों (छोटे टुक़डों) को अग्नि में भूनकर, नमक लगाकर खाने से में लाभ मिलता है।
9. लहसुन की 5-7 कलियों को तेल में भूनें, जब कलियाँ काली हो जाएं, तब तेल को अग्नि पर से उतार कर जिन बच्चों या वृद्ध लोगों को जिनके Pneumoia (निमोनिया) या छाती में कफ जमा हो गया है, उनमें छाती पर लेप करके ऊपर से सेंक करने पर कफ ढीला होकर खाँसी के द्वारा बाहर निकल जाता है।

तंत्रिका संस्थान के रोगों में उपयोग:
1. (Histeria) रोग में दौरा आने पर जब रोगी बेहोश हो जाए, तब इसके रस की 1-2 बूंद नाक में डालें या सुंघाने से रोगी का संज्ञानाश होकर होश आ जाता है।
2. अपस्मार (मिर्गी) रोग में लहसुन की कलियों के चूर्ण की 1 चम्मच मात्रा को सायँकाल में गर्म पानी में भिगोकर भोजन से पूर्व और पश्चात् उपयोग कराने से लाभ होता है। यही प्रक्रिया दिन में 2 बार करनी चाहिए।
3. लहसुन वात रोग नाशक होता है अत: सभी वात विकारों साईटिका (Sciatica), कटिग्रह एवं मन्याग्रह (Lumber & Cirvical spondalitis) और सभी लकवे के रोगियों में लहसुन की 7-9 कलियाँ एवं वायविडगं 3 ग्राम मात्रा को 1 गिलास दूध में, 1 गिलास पानी छानकर पिलाने से सत्वर लाभ मिलता है।
4. सभी वात विकार, कमर दर्द, गर्दन दर्द, लकवा इत्यादि अवस्थाओं में सरसों या तिल्ली के 50 ग्राम तेल में लहसुन 5 ग्राम, अजवाइन 5 ग्राम, सोंठ 5 ग्राम और लौंग 5-7 नग डालकर तब तक उबालें जब ये सभी काले हो जाएं। इन्हें छानकर तेल को काँच के मर्तबान में भर लें व दर्द वाले स्थान पर मालिश करने से पी़डा दूर होती है।
5. जीर्णआमवात, सन्धिशोथ में इसे पीसकर लेप करने से शोथ और पी़डा का नाश होता है।
6. बच्चों के वात विकारों में ऊपर निर्दिष्ट तेल की मालिश विशेष लाभदायक होती है।

पाचन संस्थान में उपयोग:
1. अजीर्ण की अवस्था और जिन्हें भूख नहीं लगती है, उन्हें लहसुन कल्प का उपयोग करवाया जाता है। आरंभ में 2-3 कलियाँ खिलाएं, फिर प्रतिदिन 2-2 कलियाँ बढ़ाते हुए शरीर के शक्तिबल के अनुसार 15 कलियों तक ले जाएं। फिर पुन: घटाते हुए 2-3 कलियों तक लाकर बंद कर कर दें। इस कल्प का उपयोग करने से भूख खुलकर लगती है। आंतों में (Atonic dyspepsia) में शिथिलता दूर होकर पाचक रसों का ठीक से स्राव होकर आंतों की पुर: सरण गति बढ़ती है और रोगी का भोजन पचने लगता है।
2. आंतों के कृमि (Round Worms) में इसके रस की 20-30 बूंदें दूध के साथ देने से कृमियों की वृद्धि रूक जाती है तथा मल के साथ निकलने लगते हैं।
3. वातगुल्म, पेट के अफारे, (Dwodenal ulcer) में इसे पीसकर, कर घी के साथ खिलाने से लाभ होता है।

ज्वर (Fever) रोग में उपयोग:
1. विषम ज्वर (मलेरिया) में इसे (3-5 कलियों को) पीस कर या शहद में मिलाकर कुछ मात्रा में तेल या घी साथ सुबह खाली पेट देने से प्लीहा एवं यकृत वृद्धि में लाभ मिलता है।
2. आंत्रिक ज्वर/मियादी बुखार/मोतीझरा (Typhoid) तथा तन्द्राभज्वर (Tuphues) में इसके टिंक्चर की 8-10 बूंदे शर्बत के साथ 4-6 घण्टे के अन्तराल पर देने से लाभ मिलता है। यदि रोग की प्रारंभिक अवस्था में दे दिया जाये तो ज्वर बढ़ ही नहीं पाता है।
3. इसके टिंक्चर की 5-7 बूंदें शर्बत के साथ (Intestinal antiseptic) औषध का काम करती है। ह्वदय रोग में: 1. ह्वदय रोग की अचूक दवा है।
2. लहसुन में लिपिड (Lipid) को कम करने की क्षमता या Antilipidic प्रभाव होने के कारण कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइडस की मात्रा को कम करता है।
3. लहसुन की 3-4 कलियों का प्रतिदिन सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का बढ़ा हुआ लेवल कम होकर ह्वदयघात (Heartattack) की संभावनाओं को कम करता है।


1. लहसुन की तीक्ष्णता को कम करने के लिए इनकी कलियों को शाम को छाछ या दही के पानी में भिगो लें तथा सुबह सेवन करने से इसकी उग्र गन्ध एवं तीक्ष्णता दोनों नष्ट हो जाती हैं।
2. लहसुन की 5 ग्राम मात्रा तथा अर्जुन छाल 3 ग्राम मात्रा को दूध में उबाल कर (क्षीरपाक बनाकर) लेने से मायोकार्डियल इन्फेक्शन ((M.I.) ) तथा उच्चा कॉलेस्ट्रॉल (Hight Lipid Profile) दोनों से बचा जा सकता है।
3. ह्वदय रोग के कारण उदर में गैस भरना, शरीर में सूजन आने पर, लहसुन की कलियों का नियमित सेवन करने से मूत्र की प्रवृत्ति बढ़कर सूजन दूर होता है तथा वायु निकल कर ह्वदय पर दबाव भी कम होता है।
4. (Diptheria) नामक गले के उग्र विकार में इसकी 1-1 कली को चूसने पर विकृत कला दूर होकर रोग में आराम मिलता है, बच्चों को इसके रस (आधा चम्मच) में शहद या शर्बत के साथ देना चाहिए।
5. पशुओं में होने वाले Anthrax रोग में इसे 10-15 ग्राम मात्रा में आभ्यान्तर प्रयोग तथा गले में लेप के रूप में प्रयोग करते हैं।

Note : लहसुन के कारण होने वाले उपद्रवों में हानिनिवारक औषध के रूप में मातीरा, धनियाँ एवं बादाम के तेल में उपयोग में लाते हैं।
Note : गर्भवती स्त्रयों तथा पित्त प्रकृत्ति वाले पुरूषों को लहसुन का अति सेवन निषेध माना गया है।
                               

अजवाइन के फायदे / Benefits of Celery

अजवाइन  के  फायदे / Benefits of Celery
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भारतीय खाने में अजवाइन का उपयोग मसाले के रूप में कई सदियों से किया जाता है लेकिन अजवाइन सिर्फ एक मसाला ही नहीं है ये कई तरह के औषधिय गुणों से भरपूर है। अजवाइन के कई ऐसे घरेलू प्रयोग है जो हेल्थ प्रॉब्लम्स में रामबाण की तरह कार्य करते हैं तो आइए आज हम आपको बतातेे हैं ऐसे ही कुछ औषधिय गुणों के बारे में....

- सरसों के तेल में अजवायन डालकर अच्छी तरह गरम करे
ं। इससे जोड़ों की मालिश करने पर जोड़ों के दर्द में आराम होता है। दाद होने पर गर्म पानी में अजवाइन पीसकर लेप करें।दाद एक सप्ताह में ठीक हो जाएगा। सर्दी, गर्मी के प्रभाव के कारण गला बैठ जाता है। बेर के पत्तों और अजवाइन को पानी में उबालकर, छानकर उस पानी से गरारे करने पर लाभ होता है।

- एसिडिटी की तकलीफ है तो थोड़ा-थोड़ा अजवाइन और जीरा को एक साथ भून लें। फिर इसे पानी में उबाल कर छान लें। इस छने हुए पानी में चीनी मिलाकर पिएं, एसिडिटी से राहत मिलेगी।

-2 चम्मच अजवाइन को 4 चम्मच दही में पीसकर रात में सोते समय पूरे चेहरे पर मलकर लगाएं और सुबह गर्म पानी से साफ कर लें। चेहरा चमकने लगेगा।

- अजवाइन को भून व पीसकर मंजन बना लें। इससे मंजन करने से मसूढ़ों के रोग मिट जाते हैं।अजवाइन, सेंधानमक, सेंचर नमक, यवाक्षार, हींग और सूखे आंवले का चूर्ण आदि को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 1 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम शहद के साथ चाटने से खट्टी डकारें आना बंद हो जाती हैं।

- अजवाइन का रस आधा कप इसमें इतना ही पानी मिलाकर दोनों समय (सुबह और शाम) भोजन के बाद लेने से दमा का रोग नष्ट हो जाता है।मासिक धर्म के समय पीड़ा होती हो तो 15 से 30 दिनों तक भोजन के बाद या बीच में गुनगुने पानी के साथ अजवायन लेने से दर्द मिट जाता है। मासिक अधिक आता हो, गर्मी अधिक हो तो यह प्रयोग न करें। सुबह खाली पेट 2-4 गिलास पानी पीने से अनियमित मासिक स्राव में लाभ होता है।

- मुख से दुर्गंध आने पर थोड़ी सी अजवायन को पानी में उबालकर रख लें, फिर इस पानी से दिन में दो-तीन बार कुल्ला करने पर दो-तीन दिन में दुर्गंध खत्म हो जाती है। खीरे के रस में अजवायन पीसकर चेहरे की झाइयों पर लगाने से लाभ होता है।अजवाइन, काला नमक, सौंठ तीनों को पीसकर चूर्ण बना लें। भोजन के बाद फाँकने पर अजीर्ण, अशुद्ध वायु का बनना व ऊपर चढऩा बंद हो जाएगा।

- कान में दर्द होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूंदे कान में डालने से आराम मिलता है। शरीर में दाने हो जाएं या फिर दाद-खाज़ हो जाए तो, अजवाइन को पानी में गाढ़ा पीसकर दिन में दो बार लेप करने से फायदा होता है। घाव और जले हुए स्थानों पर भी इस लेप को लगाने से आराम मिलता है और निशान भी दूर हो जाते हैं।

- बरसात के मौसम में पाचन क्रिया के शिथिल पडऩे पर अजवायन का सेवन काफी लाभदायक होता है। इससे अपच को दूर किया जा सकता है। अजवायन, काला नमक, सौंठ तीनों को पीसकर चूर्ण बना लें। भोजन के बाद फाँकने पर अजीर्ण, अशुद्ध वायु का बनना व ऊपर चढऩा बंद हो जाएगा।

- पैर में कांटा चुभ जाए, तो कांटा चुभने के स्थान पर पिघले हुए गुड़ में 10 ग्राम पिसी हुई अजवाइन मिलाकर थोड़ा गरम कर बांध देने से कांटा अपने आप निकल जाएगा। रात्रि में एक चम्मच अजवायन एक गिलास पानी में भिगोएं। सुबह छानकर उस पानी में शहद डालकर पीने पर लाभ होता है।

- शराब पीने पर अधिक शराब पी लेने से अगर उल्टियां आ रहीं हो तो उसे अजवाईन खिलाना बेहतर होगा। इससे उसको आराम मिलेगा और भूंख भी अच्छी तरह से लगेगी।

Tuesday 25 June 2013

Three Earth-like planets discovered orbiting nearby star; Potentially habitable

Three Earth-like planets discovered orbiting nearby star; Potentially habitable
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An international team of astronomers has announced the discovery of three super-Earth planets orbiting the star Gliese 667C. These planets are located in the habitable zone around the star where liquid water could exist, raising the possibility that living organisms could be present there.
The team of astronomers, led by Guillem Anglada-Escudé of the University of Göttingen in Germany and Mikko Tuomi of the University of Hertfordshire in the UK, combined fresh observations of the star Gliese 667C with existing data from the High Accuracy Radial velocity Planet Searcher (HARPS) at the European Southern Observatory’s (ESO) 3.6-meter telescope in Chile to reveal a system of at least six orbiting planets. Three of these planets are potentially habitable super-Earths–more massive than Earth but less massive than gas giants like Uranus or Neptune. Reportedly, this is the first time that three super-Earths have been observed orbiting within the habitable zone of the same system.
“The number of potentially habitable planets in our galaxy is much greater if we can expect to find several of them around each low-mass star,” said co-author Rory Barnes of the University of Washington, Seattle, in a statement released today (June 25) by the ESO. “Instead of looking at 10 stars to look for a single potentially habitable planet, we now know we can look at just one star and find several of them.”
The star Gliese 667C is located only about 22 light-years from Earth in the constellation Scorpius the Scorpion. It is part of a triple-star system known as Gliese 667 (GJ 667). Previous studies of Gliese 667C found three planets orbiting it, with one deemed to be in the habitable zone. The new evidence, obtained with HARPS observations along with data from the ESO’s Very Large Telescope (VLT), the W.M Keck Observatory, and the Magellan telescopes, suggests that there may be as many as seven planets circling the star.
According to the ESO, numerous compact systems around Sun-like stars exist in our Milky Way. Planets orbiting close to their host star are extremely hot and probably uninhabitable. However, the situation is different for cooler, dimmer stars like Gliese 667C. That system is the first example where such a low-mass star has been observed to host several potentially rocky planets in the habitable zone.
Gaspare Lo Curto, the ESO scientist responsible for HARPS, stated that the exciting new discovery was largely made possible by the power of HARPS and its software. “It is very good to also see several independent research groups exploiting this unique instrument and achieving the ultimate precision,” he said. According to co-author Anglada-Escudé, the new discovery highlights the value of re-analyzing data and combining results from different teams using different telescopes.
The team’s findings are detailed in the June 7 issue of the journal Astronomy and Astrophysics.

लौंग के फायदे अनेक / Benefits Of Cloves

लौंग के फायदे अनेक / Benefits Of Cloves
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भोजन में फायदेमंद
मसाले के रूप में लौंग का इस्तेमाल शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें प्रोटीम, आयरन, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम और हाइड्रोक्लोरिक एसिड भरपूर मात्रा में मिलते हैं। इसमें विटामिन ए और सी, मैग्नीज और फाइबर भी पाया जाता है।

Beneficial in food
The use of spices such as clove is very beneficial for the body. The Protim, iron, carbohydrates, calcium, phosphorus, potassium, sodium and hydrochloric acid are found in plentiful. Vitamins A and C, manganese and fiber is found.

दर्दनाशक गुण
लौंग एक बेहतरीन नैचुरल पेनकिलर है। इसमें मौजूद यूजेनॉल ऑयल दांतों के दर्द से आराम दिलाने में बहुत लाभदायक है। दांतो में कितना भी दर्द क्यों न हो, लौंग के तेल को उनपर लगाने से दर्द छूमंतर हो जाता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल विशेषता होती है जिस वजह से अब इसका इस्तेमाल कई तरह के टूथपेस्ट, माउथवाश और क्रीम बनाने में किया जाता है।


Analgesic Properties
Clove is an excellent Natural Painkiller. It contains eugenol oil is very beneficial in relieving toothache. No matter how much pain in teeth, pain vanish by applying clove oil gets on them.

गठिया में आराम
गठिया रोग में जोड़ों में होने वाले दर्द व सूजन से आराम के लिए भी लौंग बहुत फायदेमंद है। इसमें फ्लेवोनॉयड्स अधिक मात्रा में पाया जाता है। कई अरोमा एक्सपर्ट गठिया के उपचार के लिए लौंग के तेल की मालिश को तवज्जो देते हैं।


Relax in the arthritis
Pain and swelling in the joints due to arthritis for the rest of the clove is very beneficial. It is found in high amounts Flevonoyds. Many experts Aroma massage clove oil for the treatment of arthritis tend to favor.

श्वास संबंधी रोगों में आराम
लौंग के तेल का अरोमा इतना सशक्त होता है कि इसे सूंघने से जुकाम, कफ, दमा, ब्रोंकाइटिस, साइनसाइटिस आदि समस्याओं में तुरंत आराम मिल जाता है।


Relax in respiratory diseases
Aroma of clove oil is so strong that it smelling cold, cough, asthma, bronchitis, sinusitis etc. The problems are immediately relieved.

बेहतरीन एंटीसेप्टिक
लौं व इसके तेल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिससे फंगल संक्रमण, कटने, जलने, घाव हो जाने या त्वचा संबंधी अन्य समस्याओं के उपचार में इसका इस्तेमाल किया जाता है। लौंग के तेल को कभी भी सीधे त्वचा पर न लगाकर किसी तेल में मिलाकर लगाना चाहिए।


The best antiseptic
Do not ever put clove oil directly on the skin should be mixed with the oil.

पाचन में फायदेमंद
भोजन में लौंग का इस्तेमाल कई पाचन संबंधी समस्याओं में आराम पहुंचाता है। इसमें मौजूद तत्व अपच, उल्टी गैस्ट्रिक, डायरिया आदि समस्याओं से आराम दिलाने में मददगार हैं।


Beneficial to digestion
The use of cloves in food soothes many digestive problems. It contains elements indigestion, gastric vomiting, diarrhea etc. are helpful in relieving problems.
कैंसर
शोधकर्ताओं का मानना है कि लौंग के इस्तेमाल से फेफड़े के कैंसर और त्वचा के कैंसर को रोकने में काफी मदद मिल सकती है। इसमें मौजूद युजेनॉल नामक तत्व इस दिशा में काफी सहायक है।


Cancer
The elements contained in this Yujenol is quite helpful.

अन्य फायदे
इतना ही नहीं, लौंग का सेवन शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है और रक्त शुद्ध करता है। इसका इस्तेमाल मलेरिया, हैजा जैसे रोगों के उपचार के लिए दवाओं में किया जाता है। डायबिटीज में लौंग के सेवन से ग्लूकोज का स्तर कम होता है। लौंग का तेल पेन किलर के अलावा मच्छरों को भी दूर भगाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है


Other advantagesNot only that, cloves intake increases the body's immune and blood purifier. Used malaria drugs for the treatment of diseases such as cholera are. Diabetes glucose levels are low intake of cloves. Clove oil than Painkillers commonly used to ward off mosquitoes is also

आपकी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाएगी यह डाइट /Dite That Boost Your Sex Life

आपकी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाएगी यह डाइट /Dite That Boost Your Sex Life
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बादामबादाम में ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है जो मस्तिष्क का संदेश शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंचाने में मदद करता है। यह पुरुषों में यौन क्षमता बढ़ाने वाले हार्मोन्स को बढ़ाता है और इसकी महक से महिलाओं में उत्तेजना पैदा करने वाले हार्मोन्स बढ़ते हैं।
Almonds
Almonds are rich in omega-3 fatty acids in the brain which helps in delivering the message to other parts of the body. It increases hormones that increase sexual stamina in men and in women provocative aroma hormones are soaring.

लहसुन
लहसुन में एलिसिन नामक रसायन मौजूद होता है जो शरीर में रक्त का प्रवाह तेज करता है और कामेच्छा बढ़ाने में मदद करता है।
Garlicin garlic called Alicyn chemicals is present in the body which is
Blood flow fast and help to increase Sexual Urge


अंडे
अंडे में विटामिन बी-6 और बी-5 अधिक मात्रा में होते हैं। ये शरीर में हार्मोन्स का स्तर सामान्य करते हैं और तनाव से निजात दिलाते हैं। ये दोनों स्थितियां कामेच्छा बढ़ाने में मददगार है। कामेच्छा बढ़ाने के साथ-साथ यह शरीर में ऊर्जा का स्तर भी बढ़ाता है।
EggsEggs contain large amounts of vitamin B-6 and B-5. Normal levels of hormones in the body and get you rid of stress. These two conditions is helpful in increasing libido. With increasing libido - it also increases energy levels in the body.

केला
केले में ब्रोमेलियन इन्जाइम होता है जो कामेच्छा बढ़ाने में मदद करता है। नपुंसकता से जूझ रहे पुरुषों के लिए इसका सेवन बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा, इसमें पोटैशियम और विटामिन बी अच्छी मात्रा में होते हैं जो शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाते हैं।


Banana
Bananas Bromeliyn enzyme which helps to increase libido. For men suffering from impotence, its use is very beneficial. In addition, it contains good amount of potassium and vitamin B boosts energy levels in the body.

स्ट्रॉबेरी
स्ट्रॉबेरी का सेवन पुरुषों और महिलाओं, दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है। इसे डार्क चॉकलेट के साथ खाने से कामेच्छा बढ़ती है।


Strawberries
Strawberry intake men and women, is very beneficial for both. It increases libido by eating with dark chocolate.
पालक
पालक में फोलिक एसिड अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो न सिर्फ कामेच्छा बढ़ाने में मदद करता है बल्कि महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाने में भी सहायक है।


चॉकलेट
चॉकलेट में अल्कालॉयड थियोब्रोमाइन होता है जो शरीर में प्रेम और भावनाओं के हार्मोन्स को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही, इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।


Chocolate
Chocolate contains the alkaloid theobromine and feelings of love hormones in the body which helps to increase. In addition, there are plentiful antioxidants that help keep your body healthy.

दुनिया की सबसे तेज चलने वाली इलेक्ट्रिक बाइक// World's Fastest Electric Bike

दुनिया की सबसे तेज चलने वाली इलेक्ट्रिक बाइक// World's Fastest Electric Bike
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ऐसा माना जाता है कि तेज चलने वाली बाइक में पेट्रालियम इंजन ही लगा होता है लेकिन अब ऐसा नहीं है।
सैन फ्रांसिस्को की ऑटोमोबाइल कंपनी 'मिशन मोटर्स' ने ऐसी इलेक्ट्रिक बाइक बनाई है जो 257 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है।
मिशन आर एस' दुनिया की सबसे तेज इलेक्ट्रिक बाइक है। 160 हॉर्सपावर की क्षमता वाली इस बाइक को किसी पेट्रोलियम इंधन की जरूरत नहीं है। यह बैटरी से चलती है।
मिशन आरएस की बैटरी सिर्फ 2 घंटे में पूरी तरह से चार्ज हो जाती है।
इसमें किसी प्रकार के पेट्रोलियम को इस्तेमाल नहीं हुआ है इसलिए यह प्रदूषण भी नहीं फैलाती है। खास बात यह है‌ कि यह बाइक सिर्फ 3 सेकेंड में ही 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार पकड़ सकती है। यह बाइक सेंट्रल कैलिफोर्निया के रेस ट्रैक पर सभी को पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गई।36 लाख कीमत की यह बाइक जल्द ही ऑटोमोबाइल मार्केट में बिक्री के लिए उपलब्‍ध होगी।

                       

दमा और कैंसर का इलाज /// Asthma and cancer cure

दमा और कैंसर का इलाज /// Asthma and cancer cure
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जीरा
कई शोधों में यह प्रमाणित हो चुका है कि जीरा के सेवन से कैंसर का रिस्क कम होता है। जीरा में ऐसे एन्जाइम्स हैं जो कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं जिससे कोशिकाएं ट्यूमर नहीं बना पाती हैं।

CuminIn many studies it has been proven that there is less risk of cancers of cumin. Cumin such enzymes which prevents the cancer cells from growing tumor cells can not make.

हींग
हींग न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है बल्कि पाचन संबंधी समस्याओं के लिए भी संजीवनी बूटी से कम नहीं है। इसके अलावा यह दमा, कफ और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं के उपचार में बेहद मददगार है। मासिक चक्र के दौरान दर्द से आराम दिलाने के लिए यह बेहतरीन पेनकिलर है।

AsafetidaAsafoetida not only enhances the taste of the food but also for digestive problems is nothing short of lifesaving herb. Also asthma, is extremely helpful in treating problems such as coughs and bronchitis. For relieving pain during the menstrual cycle is the best keyboards.

अदरक
सिर्फ जुकाम ही नहीं बल्कि वजन घटाने और पाचन ठीक रखने में भी अदरक बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान कमजोरी या मिचली को दूर करने में भी यह बेहद फायदेमंद है।

GingerFine cold but not only in weight loss and digestion ginger is very beneficial. In addition, weakness or nausea during pregnancy is extremely beneficial in removing it.लहसुन
लहसुन दिल के रोगों और डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है।

GarlicGarlic diseases of the heart and is very beneficial for patients with diabetes.
दालचीनी
दालचीनी का इस्तेमाल डायबिटीज टाइप 2 के इलाज में बेहद फायदेमंद है। यह रक्त से शर्करा की मात्रा कम करता है और इन्सुलिन का निर्माण बढ़ाता है।

CinnamonThe use of cinnamon in the treatment of type 2 diabetes is highly beneficial. It reduces blood sugar levels and increases insulin production.
जायफल
यूं तो जायफल का इस्तेमाल भोजन को खुशबूदार बनाने के लिए किया जाता है। साथ ही यह रक्त संचार ठीक करता है और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखता है।

NutmegBlue nutmeg is used to make aromatic food. It also fixes blood flow and blood pressure is balanced

हल्दी
हल्दी एक बेहतरीन एंटीसेप्टिक है। यह शरीर को संक्रमण से तो बचाता है ही, साथ ही पाचन ठीक रखता है, बैड कोलेस्ट्रॉल कम करता है, वजन घटाता है और शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालता है।

TurmericTurmeric is an excellent antiseptic. It protects the body from infection, as well as digestion is fine, reduces bad cholesterol, reduces weight and toxins from the body exits.

मुंह के छाले से छुटकारा पाने के लिए पांच उपाय। /// Five ways to get rid of mouth ulcers

मुंह के छाले से छुटकारा पाने के लिए पांच उपाय। ///  Five ways to get rid of mouth ulcers
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नमक और बेकिंग सोडानमक और बेकिंग सोडा को चुटकी भर पानी मिलाएं और छाले पर लगाकर 10 मिनट तक छोड़ दें। इसके बाद पानी से कुल्ला करें।

Salt and baking soda
Add water and a pinch of salt and baking soda blisters took a leave for 10 minutes. Then rinse with water
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नारियल पानी
नारियल पानी न सिर्फ पेट के लिए अच्छा है बल्कि छालों के दर्द में भी आराम देता है और मुंह को ठंडक पहुंचाता है।

शहद और केला
शहद में केला मिलाकर खाने से भी मुंह के छाले जल्दी ठीक होते हैं और दर्द कम होता है। बहुत अधिक तकलीफ पर इनका पेस्ट बनाकर भी लगाया जा सकता है।


Honey and banana
Eating bananas mixed with honey mouth ulcers heal fast and reduces pain. Too much trouble could also be imposed on them by the paste
.
अमरूद का पत्ता
अमरूद के पत्तों का पेस्ट बनाकर छाले पर लगाएं, इससे तुरंत आराम मिलेगा।

Guava leaf
Find blisters on the leaves of guava paste instead, it will immediate comfort
.

आंवला
आंवला को उबालकर पेस्ट बनाएं और छाले पर लगाएं। छाला जल्दी ठीक होगा।

Myrobalan
Create and Apply the paste of boiled amla blisters. Blister will heal quickly.
इसके बावजूद भी अगर मुंह में छाला दो सप्ताह तक बना रहता है तो जरूर डॉक्टर से मिलें क्योंकि यह ओरल कैंसर का लक्षण भी हो सकता है।

Saturday 22 June 2013

एनिमिया की शिकायत दूर करते है ये 10 जोरदार हर्बल नुस्खे / Anemia is the grievances of the 10-strong herbal prescriptions

एनिमिया की शिकायत दूर करते है ये 10 जोरदार हर्बल नुस्खे
Anemia is the grievances of the 10-strong herbal prescriptions
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एनिमिया या रक्त अल्पता भारत देश के लिए एक विकराल समस्या है। शरीर में खून की कमी ना सिर्फ हमें कमजोर बनाती है बल्कि अनेक रोगों और रोग कारकों से लडने की शारीरिक रोगप्रतिरोधक क्षमता में भी काफी गिरावट आती है। रक्त अल्पता जैसी समस्याओं के निपटारे के लिए आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में हर्बल जानकार कुछ खास हर्बल नुस्खों का इस्तमाल करते हैं। चलिए आज जानते हैं एनिमिया ज...ैसी समस्या के निपटारे के लिए10 चुनिंदा हर्बल नुस्खों को जिन्हें आजमाकर आज भी वनों में रह रहे आदिवासी इस समस्या का निदान करते हैं।

एनिमिया या रक्त अल्पता के संदर्भ में आदिवासियों के परंपरागत हर्बल ज्ञान का जिक्र कर रहें हैं डॉ दीपक आचार्य (डायरेक्टर-अभुमका हर्बल प्रा. लि. अहमदाबाद)। डॉ. आचार्य पिछले 15 सालों से अधिक समय से भारत के सुदूर आदिवासी अंचलों जैसे पातालकोट (मध्यप्रदेश), डाँग (गुजरात) और अरावली (राजस्थान) से आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान को एकत्रित कर उन्हें आधुनिक विज्ञान की मदद से प्रमाणित करने का कार्य कर रहें हैं।

रक्त अल्पता के रोगी यदि अनंतमूल, दालचीनी और सौंफ़ की समान मात्रा लेकर चाय के साथ उबालकर कम से कम दिन में एक बार सेवन करें तो रक्त शुद्धी के साथ-साथ रक्त बनने की प्रक्रिया में तेजी आती है।


जिन्हें एनिमिया या रक्त अल्पता की शिकायत हो उन्हें प्रतिदिन पालक का रस (लगभग एक गिलास) दिन में 3 तीन बार अवश्य लेना चाहिए। पालक में विटामिन क्वएं क्वबीं क्वसीं और क्वईं के अलावा प्रोटीन, सोडियम, कैल्शियम, फास्फोरस, क्लोरिन, थायामिन, फाइबर, राइबोफ्लैविन और लौह तत्व आदि पाए जाते है।

मक्के के नर्म हरे भुट्टे सेंककर खाने से उसके दाने बड़े स्वादिष्ट लगते हैं और पौष्टिक भी होते हैं। मक्के के दाने उबाल कर खाने से आमाशय मजबूत होता है, यह खून को बढ़ाने वाला (रक्त-वर्धक) भी होता है।

शरपुंखा की पत्तियों और फल्लियों से तैयार लगभग 20मिली रस में 2चम्मच शहद मिला लिया जाए और सुबह और शाम खाली पेट पिया जाए तो खून साफ होता है और शरीर में रक्त बनने की प्रक्रिया में तेजी आती है।

डाँग- गुजरात के आदिवासी हर्बल जानकार मानते हैं कि जामुन और आंवले के फलों का रस समान मात्रा में मिलाकर पीने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है और जिन्हें रक्त-अल्पता होती है उन्हे काफी फायदा होता है।

जिन लोगों को रक्त-अल्पता की शिकायत है उन्हें एक गिलास टमाटर का रस पिलाया जाए तो रक्तहीनता दूर होकर खून की वृद्धि होती है। आदिवासियों की मान्यता के अनुसार जिस घर में ज्यादा से ज्यादा टमाटर का उपयोग होता है, वहाँ एनिमिया की शिकायत देखने को नही मिलती है।

सिंघाडा शरीर को शक्ति प्रदान करता है और खून बढाता है। सिंघाड़े में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाईड्रेट, फास्फोरस, लोहा, खनिज तत्व, विटामिन क्वएं स्टार्च और मैंग्नीज जैसे महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते है। कच्चे सिंघाडा का सेवन खून की मात्रा बढाने में मदद करता है।

आदिवासियों के अनुसार खून की कमी होने पर फालसा के पके फल खाना चाहिए इससे खून बढ़ता है। शरीर में खून की कमी से अक्सर त्वचा में जलन की भी शिकायत होती है ऐसे में फालसे के फल या शर्बत को सुबह-शाम लेने से अतिशीघ्र आराम मिलता है।

हंसपदी के संपूर्ण पौधे का चूर्ण बनाकर शहद के साथ उपयोग में लाने से खून की शुद्धि होती है और शरीर में साफ खून प्रवाहित होने लगता है। आदिवासियों के अनुसार पौधे के चूर्ण को शहद के साथ चाटने या पानी के साथ पीने से खून में वृद्दि होती है और एनिमिया की शिकायत भी दूर हो जाती है।

नमक और लहसून का सीधा सेवन रक्त शुद्ध करता है, जिन्हें रक्त में प्लेटलेट्स की कमी होती है उन्हे भी नमक और लहसून की समान मात्रा सेवन में लेनी चाहिए। खाने के साथ लहसून की कच्ची कलियाँ और नमक का सेवन अत्यंत हितकर माना जाता है।

Thursday 20 June 2013

पुनर्नवा (साटी) Punarnava///Boerhavia diffusa

पुनर्नवा (साटी) Punarnava//Boerhavia diffusa
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पुनर्नवा (साटी) Punarnava

बडी आसानी से मील जाने वाली यह वनस्पती(पुनर्नवा) के गुणों के बारे मे सुन यकीन मानिऐ आप हैरान हो जाऐगे ।--------------------------------------------------------------------------पुनर्नवा का संस्कृत पर्याय 'शोथघ्नी' (सूजन को हरनेवाली) है। पुनर्नवा (साटी) या विषखपरा के नाम से विख्यात यह वनस्पति वर्षा ऋतु में बहुतायत से पायी जाती है। शरीर की आँतरिक एवं बाह्य सूजन को दूर करने के लिए यह अत्यंत उपयोगी है।यह तीन प्रकार की होती हैः सफेद, लाल, एवं काली। काली पुनर्नवा प्रायः देखने में भी नहीं आती, सफेद ही देखने में आती है। काली प्रजाति बहुत कम स्थलों पर पायी जाती है। जैसे तांदूल तथा पालक की भाजी बनाते हैं, वैसे ही पुनर्नवा की सब्जी बनाकर खायी जाती है। इसकी सब्जी शोथ (सूजन) की नाशक, मूत्रल तथा स्वास्थ्यवर्धक है।पुनर्नवा कड़वी, उष्ण, तीखी, कसैली, रूच्य, अग्निदीपक, रुक्ष, मधुर, खारी, सारक, मूत्रल एवं हृदय के लिए लाभदायक है। यह वायु, कफ, सूजन, खाँसी, बवासीर, व्रण, पांडुरोग, विषदोष एवं शूल का नाश करती है।पुनर्नवा में से पुनर्नवादि क्वाथ, पुनर्नवा मंडूर, पुनर्नवामूल धनवटी, पुनर्नवाचूर्ण आदि औषधियाँ बनती हैं।बड़ी पुनर्नवा को साटोड़ी (वर्षाभू) कहा जाता है। उसके गुण भी पुनर्नवा के जैसे ही हैं।-------------------------औषधि-प्रयोगः------------------------नेत्रों की फूलीः पुनर्नवा की जड़ को घी में घिसकर आँखों में आँजें।नेत्रों की खुजलीः पुनर्नवा की जड़ को शहद अथवा दूध में घिसकर आँजने से लाभ होता है।नेत्रों से पानी गिरनाः पुनर्नवा की जड़ को शहद में घिसकर आँखों में आँजने से लाभ होता है।रतौंधीः पुनर्नवा की जड़ को काँजी में घिसकर आँखों में आँजें।खूनी बवासीरः पुनर्नवा की जड़ को हल्दी के काढ़े में देने से लाभ होता है।पीलियाः पुनर्नवा के पंचांग (जड़, छाल, पत्ती, फूल और बीज) को शहद एवं मिश्री के साथ लें अथवा उसका रस या काढ़ा पियें।मस्तक रोग व ज्वर रोगः पुनर्नवा के पंचांग का 2 ग्राम चूर्ण 10 ग्राम घी एवं 20 ग्राम शहद में सुबह-शाम देने से लाभ होता है।जलोदरः पुनर्नवा की जड़ के चूर्ण को शहद के साथ खायें।सूजनः पुनर्नवा की जड़ का काढ़ा पिलाने एवं सूजन पर लेप करने से लाभ होता है।पथरीः पुनर्नवामूल को दूध में उबालकर सुबह-शाम पियें।-----------------------------------विष------------------------------चूहे का विषः सफेद पुनर्नवा के मूल का 2-2 ग्राम चूर्ण 10 ग्राम शहद के साथ दिन में 2 बार दें।पागल कुत्ते का विषः सफेद पुनर्नवा के मूल का 25 से 50 ग्राम रस, 20 ग्राम घी में मिलाकर रोज पियें।विद्राधि (फोड़ा)- पुनर्नवा के मूल का काढ़ा पीने से कच्चा अथवा पका हुआ फोड़ा भी मिट जाता है।अनिद्राः पुनर्नवा के मूल का क्वाथ 100-100 मि.ली. दिन में 2 बार पीने से निद्रा अच्छी आती है।संधिवातः पुनर्नवा के पत्तों की भाजी सोंठ डालकर खायें।वातकंटकः वायुप्रकोप से पैर की एड़ी में वेदना होती हो तो पुनर्नवा में सिद्ध किया हुआ तेल पैर की एड़ी पर पिसें एवं सेंक करें।योनिशूलः पुनर्नवा के हरे पत्तों को पीसकर बनायी गयी उँगली जैसे आकार की सोगटी को योनि में धारण करने से भयंकर योनिशूल भी मिटता है।विलंबित प्रसव-मूढ़गर्भः पुनर्नवा के मूल के रस में थोड़ा तिल का तेल मिलाकर योनि में लगायें। इससे रुका हुआ बच्चा तुरंत बाहर आ जाता है।गैसः 2 ग्राम पुनर्नवा के मूल का चूर्ण, आधा ग्राम हींग तथा 1 ग्राम काला नमक गर्म पानी से लें।स्थूलता-मेदवृद्धिः पुनर्नवा के 5 ग्राम चूर्ण में 10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह-शाम लें। पुनर्नवा की सब्जी बना कर खायें।मूत्रावरोधः पुनर्नवा का 40 मि.ली. रस अथवा उतना ही काढ़ा पियें। पुनर्नवा के पान बाफकर पेड़ू पर बाँधें। 1 ग्राम पुनर्नवाक्षार (आयुर्वेदिक औषधियों की दुकान से मिलेगा) गरम पानी के साथ पीने से तुरंत फायदा होता है।खूनी बवासीरः पुनर्नवा के मूल को पीसकर फीकी छाछ (200 मि.ली.) या बकरी के दूध (200 मि.ली.) के साथ पियें।पेट के रोगः गोमूत्र एवं पुनर्नवा का रस समान मात्रा में मिलाकर पियें।श्लीपद(हाथीरोग)- 50 मि.ली. पुनर्नवा का रस और उतना ही गोमूत्र मिलाकर सुबह शाम पियें।वृषण शोथः पुनर्नवा का मूल दूध में घिसकर लेप करने से वृषण की सूजन मिटती है। यह हाड्रोसील में भी फायदेमंद है।हृदयरोगः हृदयरोग के कारण सर्वांगसूजन हो गयी हो तो पुनर्नवा के मूल का 10 ग्राम चूर्ण और अर्जुन की छाल का 10 ग्राम चूर्ण 200 मि.ली. पानी में काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पियें।श्वास (दमा)- 10 ग्राम भारंगमूल चूर्ण और 10 ग्राम पुनर्नवा चूर्ण को 200 मि.ली. पानी में उबालकर काढ़ा बनायें। जब 50 मि.ली. बचे तब उसमें आधा ग्राम श्रृंगभस्म डालकर सुबह-शाम पियें।रसायन प्रयोगः हमेशा उत्तम स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए रोज सुबह पुनर्नवा के मूल का या पत्ते का 2 चम्मच (10 मि.ली.) रस पियें अथवा पुनर्नवा के मूल का चूर्ण 2 से 4 ग्राम की मात्रा में दूध या पानी से लें या सप्ताह में 2 दिन पुनर्नवा की सब्जी बनाकर खायें।पुनर्नवा में मूँग व चने की छिलकेवाली दाल मिलाकर इसकी बढ़िया सब्जी बनती है। ऊपर वर्णित तमाम प्रकार के रोग हों ही नहीं, स्वास्थ्य बना रहे इसलिए इसकी सब्जी या ताजे पत्तों का रस काली मिर्च व शहद मिलाकर पीना हितावह है। बीमार तो क्या स्वस्थ व्यक्ति भी अपना स्वास्थ्य अच्छा रखने के लिए इसकी सब्जी खा सकते हैं। भारत में यह सर्वत्र पायी जाती है। संत श्री आसारामजी आश्रम (दिल्ली, अमदावाद, सूरत आदि) में पुनर्नवा का नमूना देखा जा सकता है। आपके इलाकों में भी यह पर्याप्त मात्रा में होती होगी।

डेंगू का उपचार/Treatment of Dengue

डेंगू का उपचार/Treatment of Dengue
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आजकल डेंगू एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है, जिससे कई लोगों की जान जा रही है l

यह एक ऐसा वायरल रोग है जिसका मेडिकल चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है परन्तु आयुर्वेद में इसका इलाज है और वो इतना सरल और ...सस्ता है की उसे कोई भी कर सकता है l
तीव्र ज्वर, सर में तेज़ दर्द, आँखों के पीछे दर्द होना, उल्टियाँ लगना, त्वचा का सुखना तथा खून के प्लेटलेट की मात्रा का तेज़ी से कम होना डेंगू के कुछ लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी सकती है l

यदि आपके किसी भी जानकार को यह रोग हुआ हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम होती जा रही हो तो चित्र में दिखाई गयी चार चीज़ें रोगी को दें :
१) अनार जूस
२) गेहूं घास रस
३) पपीते के पत्तों का रस
४) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व

- अनार जूस तथा गेहूं घास रस नया खून बनाने तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने के लिए है, अनार जूस आसानी से उपलब्ध है यदि गेहूं घास रस ना मिले तो रोगी को सेब का रस भी दिया जा सकता है l
- पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है, पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकाल कर मरीज़ को दिन में २ से ३ बार दें , एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संक्या बढ़ने लगेगी l
- गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में २-३ बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढती है, रोग से लड़ने की शक्ति बढती है तथा कई रोगों का नाश होता है l यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में जाकर "गिलोय घनवटी" ले आयें जिसकी एक एक गोली रोगी को दिन में 3 बार दें l

यदि बुखार १ दिन से ज्यादा रहे तो खून की जांच अवश्य करवा लें l
यदि रोगी बार बार उलटी करे तो सेब के रस में थोडा नीम्बू मिला कर रोगी को दें, उल्टियाँ बंद हो जाएंगी l
ये रोगी को अंग्रेजी दवाइयां दी जा रही है तब भी यह चीज़ें रोगी की बिना किसी डर के दी जा सकती हैं l
डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग जल्दी ख़त्म होता है l
रोगी के खान पान का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि बिना खान पान कोई दवाई असर नहीं करती