Wednesday 12 June 2013

आयुर्वेद से एसीडिटी का इलाज/Ayurveda to cure acidity



आयुर्वेद से एसीडिटी का इलाज ::Ayurveda to cure acidity
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• आंवला चूर्ण को एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आपको एसीडिटी की शिकायत होने पर सुबह- शाम आंवले का चूर्ण लेना चाहिए।
• अदरक के सेवन से एसीडिटी से निजात मिल सकती हैं, इसके लिए आपको अदरक को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर गर्म पानी में उबालना चाहिए और फिर उसका पानी अदरक की चाय भी ले सकते हैं।
• मुलैठी का चूर्ण या फिर इसका काढ़ा भी आपको एसीडिटी से निजात दिलाएगा इतना ही नहीं गले की जलन भी इस काढ़े से ठीक हो सकती है।
• नीम की छाल को पीसकर उसका चूर्ण बनाकर पानी से लेने से एसीडिटी से निजात मिलती है। इतना ही नहीं यदि आप चूर्ण का सेवन नहीं करना चाहते तो रात को पानी में नीम की छाल भिगो दें और सुबह इसका पानी पीएं आपको इससे निजात मिलेगी।
• मुनक्का या गुलकंद के सेवन से भी एसीडिटी से निजात पा सकते हैं, इसके लिए आप मुनक्का को दूध में उबालकर ले सकते हैं या फिर आप गुलकंद के बजाय मुनक्का भी दूध के साथ ले सकते हैं।
• त्रि‍फला चूर्ण के सेवन से आपको एसीडिटी से छुटकारा मिलेगा, इसके लिए आपको चाहिए कि आप पानी के साथ त्रि‍फला चूर्ण लें या फिर आप दूध के साथ भी त्रि‍फला ले सकते हैं।
हरड: यह पेट की एसिडिटी और सीने की जलन को ठीक करता है ।
• लहसुन: पेट की सभी बीमारियों के उपचार के लिए लहसून रामबाण का काम करता है।
• मेथी: मेथी के पत्ते पेट की जलन दिस्पेप्सिया के उपचार में सहायक सिद्ध होते हैं।
• सौंफ:सौंफ भी पेट की जलन को ठीक करने में सहायक सिद्ध होती है। यह एक तरह की सौम्य रेचक होती है और शिशुओं और बच्चों की पाचन और एसिडिटी से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए भी मदद करती है।

• दूध के नियमित सेवन से आप एसीडिटी से निजात पा सकते हैं, इसके साथ ही आपको चाहिए कि आप चौलाई, करेला, धनिया, अनार, केला इत्यादि फलों का सेवन नियमित रूप से करें।
• शंख भस्म, सूतशेखर रस, कामदुधा रस, धात्री लौह, प्रवाल पिष्टी इत्यादि औषधियों को मिलाकर आपको भोजन के बाद पानी के साथ लेना चाहिए।
• इसके अलावा आप अश्वगंधा, बबूना , चन्दन, चिरायता, इलायची, अहरड, लहसुन, मेथी, सौंफ इत्यादि के सेवन से भी एसीडिटी की समस्या से निजात पा सकते हैं।

एसीडिटी दूर करने के अन्य उपाय
• अधिक मात्रा में पानी पीना
• पपीता खाएं
• दही और ककड़ी खाएं
• गाजर, पत्तागोभी, बथुआ, लौकी इत्यातदि को मिक्सत करके जूस लें।
• पानी में नींबू और मिश्री मिलाकर दोपहर के खाने से पहले लें।
• तनावमुक्त रहें और मानसिक रूप से स्वस्थ रहें।
• नियमित रूप से व्यायाम करें।
• दोपहर और रात के खाने के बीच सही अंतराल रखें।
• नियमित रूप से पुदीने के रस का सेवन करें ।
• तुलसी के पत्ते एसिडिटी और मतली से काफी हद तक राहत दिलाते हैं।
• नारियल पानी का सेवन अधिक करें।


एसीडिटी के कारण
• नियमित रूप से चटपटा मसालेदार और जंकफूड का सेवन
• अधिक एल्‍‍कोहल और नशीले पदार्थों का सेवन
• लंबे समय तक दवाईयों का सेवन
• शरीर में गर्मी बढ़-बढ़ जाना
• बहुत देर रात भोजन करना
• भोजन के बाद भी कुछ न कुछ खाना या लंबे समय तक भूखे रहकर एकदम बहुत सारा खाना खाना


एसीडिटी के लक्षण
• एसीडिटी के तुरंत बाद पेट में जलन होने लगती है।
• कड़वी और खट्टी डकारें आना
• लगातार गैस बनना और सिर दर्द की शिकायत
• उल्टी होने का अहसास और खाने का बाहर आने का अहसास होना
• थकान और भारीपन महसूस होना

नींबू पानी /Lemon Water

नींबू पानी पीएं स्वस्थ रहें ------------
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नींबू पानी ना सिर्फ वजन घटाने के लिए उपयोगी है बल्कि यह शरीर को अन्य रोगों से भी बचाता है। सुबह-सुबह नींबू पानी पीने से पाचन क्रिया ठीक रहती है और आप पेट से संबंधित बीमारी के शिकार नहीं होते हैं।

नींबू औषधीय गुणों से युक्त होता है। यह दर्दनिवारक, रक्तशोधक और बलवर्धक होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन बी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। यह अपच, पेट की गड़बड़ी, लीवर और डायबिटीज में लाभकारी है।

नींबू पानी के फायदे -

नींबू को गुनगुने पानी में डालकर पीने से पाचन की समस्या दूर होती है।
गले में संक्रमण होने पर आधे नींबू को आधे गिलास पानी के साथ लेना फायदेमंद होता है।
नींबू में पोटेशियम पाया जाता है। यह हृदय रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर, चक्कर आना और मतली में नींबू पानी उपयोगी होता है।
गुनगुने पानी में नींबू को निचोड़ कर कुल्ला करने से मुंह से बदबू नहीं आती। दांत मजबूत होते हैं।
प्रतिरक्षा तंत्र को नींबू पानी मजबूत बनाता है।
एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़कर खाली पेट पीने से पेट साफ रहता है।
मोटापे को नियंत्रित करने के लिए सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं।
नींबू के रस को चाय में डालकर पिएं या एक नींबू के रस को पानी में डालकर धीमी आंच पर उबालें। ठंडा होने के बाद पीएं इससे बुखार में होने वाली हरारत दूर हो जाएगी और बुखार नहीं आएगा।

World's oldest people

World's oldest people

  • Oldest woman recorded in history: Jeanne Calment, France, died 4 August 1997 aged 122
  • Oldest man recorded in history: Jiroemon Kimura, Japan, died 12 June 2013 aged 116
  • Oldest living man: James McCoubrey, USA, 111
  • Oldest living woman: Misao Okawa, Japan, 115

Oldest man in history Jiroemon Kimura dies at 116

Oldest man in history Jiroemon Kimura dies at 116

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A Japanese man recognised as the world's oldest living person, and the oldest man recorded in history, has died aged 116, local officials say.
Jiroemon Kimura died of natural causes on Wednesday in a hospital in Kyotango, Kyoto, a government statement said.
In December, Guinness World Records recorded Mr Kimura as the oldest man ever verified to have lived.
He reportedly had seven children, 14 grandchildren, 25 great-grandchildren, and 13 great-great-grandchildren.
Mr Kimura was born on 19 April 1897, the same year as aviator Amelia Earhart.
He worked in his local post office until retiring and was said to have helped his son with his farming until he was around 90 years old.
He became the world's oldest living person in December, when the previous title-holder died.
Japanese Prime Minister Shinzo Abe sent Mr Kimura a video greeting when he celebrated his 116th birthday on 19 April.
The mayor of Kyotango, which is in western Japan, also dropped by for a visit.