Saturday 5 July 2014

टमाटर (रक्तवृन्ताक) Tomato

                          टमाटर (रक्तवृन्ताक) Tomato

शरीर के लिए टमाटर बहुत ही लाभकारी होता है। इससे कई रोगों का निदान होता है। टमाटर शरीर से विशेषकर गुर्दे से रोग के जीवाणुओं को निकालता है। यह पेशाब में चीनी के प्रतिशत पर नियन्त्रण पाने के लिए प्रभावशाली होने के कारण यह मधुमेह के रोगियों के लिए भी बहुत उपयोगी होता है। कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के कारण इसे एक उत्तम भोजन माना जाता है। टमाटर से पाचन शक्ति बढ़ती है। इसके लगातार सेवन से जिगर बेहतर ढँग से काम करता है और गैस की शिकायत भी दूर होती है। जो लोग अपना वजन कम करने के इच्छुक हैं, उनके लिए टमाटर बहुत उपयोगी है। एक मध्यम आकार के टमाटर में केवल 12 कैलोरीज होती है, इसलिए इसे पतला होने के भोजन के लिए उपयुक्त माना जाता है। माना जाता है कि टमाटर इतने पौष्टिक होते हैं कि सुबह नाश्ते में केवल दो टमाटर सम्पूर्ण भोजन के बराबर होते हैं। ऐसा नियमित सेवन करते रहने से आपके वजन में जरा भी वृद्धि नहीं होगी। इसके साथ साथ यह पूरे शरीर के छोटे-मोटे विकारों को भी दूर करता है। टमाटर के नियमित सेवन से श्वास नली का शोथ कम होता है। प्राकृतिक चिकित्सकों का कहना है कि टमाटर खाने से अतिसंकुचन भी दूर होता है और खाँसी तथा बलगम से भी राहत मिलती है। अधिक पके लाल टमाटर खाने वालों को कैन्सर रोग नहीं होता। इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
मूलतः उष्णकटिबंधीय दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी क्षेत्रों में पाया जाता है,परन्तु अब सर्वत्र भारत में इसकी खेती की जाती है | टमाटर में कई प्रकार के पौष्टिक गुण पाये जाते हैं | टमाटर में पाये जाने वाले विटामिन गर्म करने से ख़त्म नहीं होते हैं | टमाटर में विटामिन A ,B और C तथा B काम्प्लेक्स पाया जाता है | २०० ग्राम टमाटर से लगभग ४० कैलोरी ऊर्जा शरीर को प्राप्त होती है | टमाटर में कैल्शियम भी अन्य फल सब्ज़ियों की तुलना में अधिक पाया जाता है | दांतों व हड्डियों की कमज़ोरी दूर करने के लिए टमाटर का सेवन बहुत उपयोगी है | इसमें लौह,पोटाश,चूना,लवण तथा मैग्नीस जैसे तत्व भी होते हैं इसलिए इसके सेवन से शरीर में रक्त की वृद्धि होती है | टमाटर लीवर,गुर्दा और अन्य रोगों को ठीक करने में लाभकारी है |
टमाटर के कुछ औषधीय प्रयोग -

१- मधुमेह की बीमारी में टमाटर का सेवन अति लाभकारी है | इसके न से रोगी के मूत्र में शक्कर आना धीरे-धीरे कम हो जाता है |
२- टमाटर के सेवन से चिड़चिड़ापन और मानसिक कमज़ोरी दूर होती है | यह मानसिक थकान को दूर करके मस्तिष्क को संतुलित बनाए रखता है ३- प्रतिदिन लगभग २०० ग्राम टमाटर के सेवन से रतौंधी और अल्पदृष्टि (आँखों से कम दिखाई देना) में लाभ होता है | इस प्रयोग से पेट के कीड़े भी मर जाते हैं |
४- दिन में दो बार टमाटर या उसके रस के सेवन से कब्ज़ ख़त्म होती है तथा आमाशय व आँतों की सफाई हो जाती है |
५- जिन लोगों को मुँह में बार-बार छाले होते हों उन्हें टमाटर का सेवन अधिक करना चाहिए | टमाटर के रस में पानी मिलाकर कुल्ला करें,इससे भी मुँह के छाले ख़त्म होते हैं|
६- अगर चेहरे पर काले दाग या धब्बे हों तो टमाटर के रस में रुई भिगोकर लगाने से काले दाग-धब्बे ख़त्म हो जाते हैं |
टमाटर का उपयोग आमवात,अम्लपित्त,सूजन,संधिवात और पथरी के रोगियों को नहीं करना चाहिए,क्यूंकि यह उनके लिए हानिकारक होता है | मांसपेशियों में दर्द तथा शरीर में सूजन हो तो टमाटर नहीं खाना चाहिए |
  • बच्चों को सूखा रोग होने पर आधा गिलास टमाटर के रस का सेवन कराने से फायदा होता है।
  • दो या तीन पके हुए टमाटरों का नियमित सेवन करने से बच्चों का विकास शीघ्र होता है।
  • शरीर का भार घटाने के लिए सुबह-शाम एक गिलास टमाटर का रस पीना लाभप्रद है।
  • यदि गठिया रोग में एक गिलास टमाटर के रस की सोंठ तैयार करके उसमें एक चम्मच अजवायन का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम पीने से लाभ होता है।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए सुबह एक गिलास टमाटर के रस का सेवन फायदेमंद है।




तेजपात (Indian Bay Leaf)

                           तेजपात (Indian Bay Leaf)

  1. भारत में उष्णकटिबंधीय एवं इसके अतिरिक्त उपउष्णकटिबन्धीय हिमालय से भूटान तक ९००-१५०० मी तक की ऊंचाई पर सिक्किम में २४०० मी तथा सिल्हट एवं खसिया के पहाड़ी क्षेत्रों में ९००-१२०० मी की ऊंचाई तक तेजपात के जंगली वृक्ष पाये जाते हैं | इसके पत्तों को धूप में सुखाकर प्रयोग में लिया जाता है | पत्तियों का रंग जैतूनी हरा तथा ३ स्पष्ट शिराओं युक्त तथा इसमें लौंग एवं दालचीनी की सम्मिलित मनोरम गंध पायी जाती है | यह सदा हरा रहने वाला वृक्ष है | आज हम तेजपात के औषधीय गुणों की चर्चा करेंगे -

    १- तेजपात के ५-६ पत्तों को एक गिलास पानी में इतने उबालें की पानी आधा रह जाए | इस पानी से प्रतिदिन सिर की मालिश करने के बाद नहाएं | इससे सिर में जुएं नहीं होती हैं |

    २- चाय-पत्ती की जगह तेजपात के चूर्ण की चाय पीने से सर्दी-जुकाम,छींकें आना ,नाक बहना,जलन ,सिरदर्द आदि में शीघ्र लाभ मिलता है |

    ३- तेजपात के पत्तों का बारीक चूर्ण सुबह-शाम दांतों पर मलने से दांतों पर चमक आ जाती है |

    ४- तेजपात के पत्रों को नियमित रूप से चूंसते रहने से हकलाहट में लाभ होता है |

    ५- एक चम्मच तेजपात चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है |

    ६- तेजपात के पत्तों का क्वाथ (काढ़ा) बनाकर पीने से पेट का फूलना व अतिसार आदि में लाभ होता है |

    ७- इसके २-४ ग्राम चूर्ण का सेवन करने से उबकाई मिटती है |
    Photo: तेजपात (Indian Bay Leaf)- भारत में उष्णकटिबंधीय एवं इसके अतिरिक्त उपउष्णकटिबन्धीय हिमालय से भूटान तक ९००-१५०० मी तक की ऊंचाई पर सिक्किम में २४०० मी तथा सिल्हट एवं खसिया के पहाड़ी क्षेत्रों में ९००-१२०० मी की ऊंचाई तक तेजपात के जंगली वृक्ष पाये जाते हैं | इसके पत्तों को धूप में सुखाकर प्रयोग में लिया जाता है | पत्तियों का रंग जैतूनी हरा तथा ३ स्पष्ट शिराओं युक्त तथा इसमें लौंग एवं दालचीनी की सम्मिलित मनोरम गंध पायी जाती है | यह सदा हरा रहने वाला वृक्ष है | आज हम तेजपात के औषधीय गुणों की चर्चा करेंगे - १- तेजपात के ५-६ पत्तों को एक गिलास पानी में इतने उबालें की पानी आधा रह जाए | इस पानी से प्रतिदिन सिर की मालिश करने के बाद नहाएं | इससे सिर में जुएं नहीं होती हैं | २- चाय-पत्ती की जगह तेजपात के चूर्ण की चाय पीने से सर्दी-जुकाम,छींकें आना ,नाक बहना,जलन ,सिरदर्द आदि में शीघ्र लाभ मिलता है | ३- तेजपात के पत्तों का बारीक चूर्ण सुबह-शाम दांतों पर मलने से दांतों पर चमक आ जाती है | ४- तेजपात के पत्रों को नियमित रूप से चूंसते रहने से हकलाहट में लाभ होता है | ५- एक चम्मच तेजपात चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है | ६- तेजपात के पत्तों का क्वाथ (काढ़ा) बनाकर पीने से पेट का फूलना व अतिसार आदि में लाभ होता है | ७- इसके २-४ ग्राम चूर्ण का सेवन करने से उबकाई मिटती है | 

  2. मध्य युग में तेज पत्तियों को गर्भपात कराने वाला और कई जादुई गुणों वाला माना जाता था. उनका इस्तेमाल कभी कीट-पतंगों को दूर रखने के लिए किया जाता था, जिसका कारण था पत्ते में लोरिक एसिड की मौजूदगी जो इसे कीटनाशी गुणों से युक्त करती थी. तेज पत्तियों में कई ऐसे गुण हैं जो उन्हें उच्च रक्त शर्करा, माइग्रेन सिर दर्द, बैक्टीरियल और कवक संक्रमण और गैस्ट्रिक अल्सर के इलाज में उपयोगी बनाते हैं. तेज पत्तियों और जामुन को उनके कसैले, वातहर, स्वेदजनक, पाचन, मूत्रवर्धक, उबकाई और भूख बढ़ानेवाले गुणों के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. तेज पत्ते के तेल, (ओलियम लौरी) का प्रयोग छिलने और मोच में तिला के लिए किया जाता है. सिर दर्द के लिए एक हर्बल उपचार के रूप में तेज पत्ते का इस्तेमाल किया गया है. इसमें एक यौगिक होता है जिसे पर्थेनोलाइड कहते हैं, वह माइग्रेन के उपचार में उपयोगी साबित हुआ है. तेज पत्ता शारीरिक इन्सुलिन प्रक्रिया में अधिक कुशलता से सहायक होता है जिससे रक्त में शर्करा स्तर में कमी होती है. इसका इस्तेमाल पेट के अल्सर के प्रभाव को कम करने के लिए भी किया गया है. तेज पत्ते में यूजेनोल होता है, जो जलन-विरोधी और ऑक्सीडेंट-विरोधी गुण प्रदान करता है. तेज पत्ता कवक-विरोधी और जीवाणु-विरोधी भी होता है और इसका इस्तेमाल गठिया, राजोरोध और पेट दर्द के इलाज के लिए किया गया है.

पहली बार सामने आया अबु बकर अल-बगदादी


पहली बार सामने आया अबु बकर अल-बगदादी

सीरिया और इराक के कई हिस्सों पर कब्जा कर चुके आतंकी संगठन 'इस्लामिक स्टेट इन इराक ऐंड अल शाम' (आईएसआईएस) का कमांडर अबु बकर अल-बगदादी पहली बार दुनिया के सामने आया है। बगदादी ने सार्वजनिक तौर पर अपना एक विडियो जारी किया है। कहते हैं कि इससे पहले बगदादी को किसी ने इस तरह सार्वजनिक रूप से नहीं देखा था।

इस्लामी खिलाफत की घोषणा करने वाले 'अल दौलतुल इस्लामिया' या 'इस्लामिक स्टेट' ने शनिवार को सोशल मीडिया पर जारी एक विडियो में कथित रूप से तमाम मुसलमानों से कहा कि वे समूह के नेता अबु बकर अल-बगदादी के हुक्म मानें। गत 29 जून को सीरिया और इराक की 'खिलाफत' का ऐलान करने वाले बगदादी ने शुक्रवार को मोसुल में अपने 'खुतबे' (धर्मसंदेश) में यह अपील की।

इराक की एक मस्जिद में शूट किए गए इस विडियो में काली पगड़ी और लबादा पहने बगदादी ने कहा, 'मैं वली (नेता) हूं जो आपकी सदारत कर रहा है। हालांकि, मैं आप सब में बेहतरीन नहीं हूं, इसलिए अगर आप देखें कि मैं सही हूं तो मेरी मदद करें। अगर आप देखें कि मैं गलत हूं तो मुझे सलाह दें और मुझे सही रास्ते पर लाएं और जब तक मैं खुदा के हुक्म मानता हूं आप मेरा हुक्म मानें।'
बगदादी ने कहा, 'अल्लाह ने जिहाद और इस्तकलाल (सब्र) के लंबे साल के बाद आप के मुजाहिद भाइयों को जीत दी है सो उन्होंने खिलाफत का ऐलान किया है और खलीफा चुना है।' उसने मस्जिद के मिंबर (प्रवचन-मंच) से लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'यह मुसलमानों का फर्ज है जो सदियों से छूटा हुआ था।' इस विडियो में आईएसआईएस का झंडा और संगठन के लड़ाके भी दिखाई दे रहे हैं।

बगदादी को कथित रूप से दिखाने वाले इस विडियो के सही होने की तत्काल पुष्टि नहीं हो सकी है। अभी तक बगदादी की बस 2 ही ज्ञात तस्वीरें सामने आई हैं। इस्लामी आंदोलनों के विशेषज्ञ ऐमन अल-तमीमी के अनुसार इस विडियो में बगदादी पहली बार आधिकारिक रूप से सामने आया है। यह संभव है कि वह 2008 के एक वीडियो में किसी अन्य नाम से सामने आया हो।