Monday 10 June 2013

जिंदल स्टील के 15 ठिकानों पर सीबीआई का छापा/CBI raids on jindal steel 15 locations

जिंदल स्टील के 15 ठिकानों पर सीबीआई का छापा/CBI raids on jindal steel 15 locations
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कोयला आवंटन घोटाल की जांच कर रही सीबीआई ने मंगलवार को जिंदल स्टील के दिल्ली और हैदराबाद समेत देश में 15 ठिकानों पर छापेमारी की है।
मीडिया ‌रिपोर्ट्स के अनुसार, सीबीआई ने इस मामले में नई एफआईआर दर्ज की है। इसमें जिंदल स्टील कंपनी के मालिक और कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल और पूर्व कोयला राज्य मंत्री दासारी नारायण राव को आरोपी बनाया है। बताया जा रहा है कि पूर्व कोयला राज्य मंत्री दासारी नारायण राव ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जिंदल कंपनी को लाभ पहुंचाया है, जिसके एवज में कंपनी ने भी उनको 'रेवड़ियां' दी है। सूत्रों के अनुसार, सीबीआई टीम नारायाण जी राव के हैदराबाद के ठिकाने पर छापेमारी कर रही है। नवीन जिंदल और नारायाण जी राव के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।इस बीच भाजपा प्रवक्‍ता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि जिंदल कंपनी से नारायाण जी राव को कितान पैसा मिला इसकी जांच की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने सीबीआई को कोयला विभाग के सचिव से पूछताछ करने की इजाजत देने की भी मांग की है।

Nelson Mandela condition 'unchanged - still serious'

Nelson Mandela condition unchanged still serious

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The presidency said Mr Mandela's condition was unchanged and confirmed that he was in intensive care.Prayers have been said in churches across the country for Mr Mandela, who is being treated for a lung infection.
Mr Mandela, 94, was taken to hospital early on Saturday, the third time this year he has been admitted.
The presidency said he had been ill for some days at his Johannesburg home, with a recurrence of his long-standing lung problems.
He was admitted to hospital after his condition worsened at 01:30 on Saturday (23:30 GMT Friday).
The government said in a statement: "President Jacob Zuma reiterates his call for South Africa to pray for Madiba and the family during this time." Madiba is Mr Mandela's clan name.
In releasing the latest update, presidency spokesman Mac Maharaj also denied that visitors were being blocked from seeing Mr Mandela.

इस कॉलेज से कभी कोई स्टूडेंट नहीं हो सका पास//college that has never seen a student pass out

इस कॉलेज से कभी कोई स्टूडेंट नहीं हो सका पास

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बरहामपुर। आपको जानकर हैरानी होगी कि ओडिशा के गजापति जिले के जिरांगो में एक जूनियर साइंस कॉलेज ऐसा भी है जहां उसकी शुरुआत से लेकर आज तक एक भी विद्यार्थी पास नहीं हुआ है। यहां आयोजित प्लस 2 (विज्ञान) की परीक्षा में इस बार भी इस साल 27 में से 20 विद्यार्थी शामिल हुए थे, लेकिन कोई भी इस परीक्षा को पास नहीं कर सका। इस कॉलेज में वर्ष 2009 में पहला बैच शुरू हुआ था। वर्ष 2007 में सेंट्रल गवर्नमेंट के फंड से यह कॉलेज इस लिए स्थापित किया गया था कि इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के बच्चों को आसानी से शिक्षा मिल सकेगी। 2009 में पहली बार यहां के चौदह विद्यार्थियों ने एग्जाम दिया जबकि अगले साल 5 ही बच्चे एग्जाम दे सके। इसके बाद 2011 और 2012 में 4 और 6 बच्चों ने एग्जाम दिया लेकिन नतीजा शून्य ही रहा। कॉलेज प्रशासन इसके लिए पर्मानेंट स्टाफ की कमी को जिम्मेदार ठहराता है। यहां पर बॉटनी और मैथमेटिक्स के लिए ही मात्र लेक्चरर हैं। वह भी बरहामपुर से आते हैं। यह लेक्चरर यहां के विद्यार्थियों को केवल हफ्ते में तीन दिन ही पढ़ा पाते हैं। हालांकि, कॉलेज में सुविधा के नाम पर कुछ कमरें हैं जिनमें लैब समेत दूसरी चीजों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कलेक्टर बासुदेव बहीनीपती ने कहा, हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट को कॉलेज में पर्मानेंट फैकल्टी की नियुक्ति के लिए पत्र लिखा गया है। कॉलेज के प्रिंसिपल केसी पाधे के मुताबिक जब उन्होंने फरवरी में यहां पर पद संभाला था तब भी उन्होंने यहां पर लेक्चरर की पर्मानेंट नियुक्ति का मुद्दा कांफ्रेंस में उठाया था। वहीं कलेक्ट्रेट ने इस कॉलेज को सरकार को हैंडओवर करने की सलाह दी है।

स्टीफेन हॉकिग से तेज चलता है इस 'छुटकी' का दिमाग//Stephen Hokig move faster than the "kid's brain

स्टीफेन हॉकिग से तेज चलता है इस 'छुटकी' का दिमाग

Stephen Hoking move faster than the "kid's brain
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दुनिया के महान वैज्ञानिकों में शुमार स्टीफन हॉकिंग ने भले ही कभी भी अपना आईक्यू टेस्‍ट न कराया हो लेकिन उम्मीद की जाती है कि उनका आईक्यू 160 होगा।
अगर इस अनुमान को आधार मानें तो साउथ वेस्ट लंदन की नेहा रामू स्टीफन से ज्यादा दिमागदार है। 13 साल की उम्र में उसका आईक्यू 162 है। अमूमन ब्रिटेन में रहने वालों का आईक्यू 100 होता है ऐसे में नेहा ब्रिटेन की सबसे तेज दिमाग वालों में से एक है।

नेहा ने मेन्सा आईक्‍यू टेस्ट में 162 स्कोर किए हैं। इस टेस्ट में 18 साल से कम उम्र के लोगों ने भाग लिया था। नेहा मूल रूप से भारत के बेंगलूरू शहर की रहने वाली है लेकिन सात साल की उम्र में ही वो लंदन चली गई थी।
नेहा मानती है कि भारत में हुई पढ़ाई ने ही उसे इस मुकाम पर पहुंचाया है। नेहा बड़ी होकर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से न्यूरोलॉजी की पढ़ाई करना चाहती है।


ककड़ी के लाभ//Benefits of cucumber

ककड़ी के लाभ//Benefits of cucumber
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ककड़ी ग्रीष्म ऋतु का फल है। ककड़ी का प्रयोग कच्ची अवस्था में ही किया जाता है। कच्ची ककड़ी में आयोडीन पाया जाता है। ककड़ी बेल पर लगने वाला फल है। गर्मी में पैदा होने वाली ककड़ी स्वास्थ्यवर्ध्दक तथा वर्षा व शरद ऋतु की ककड़ी रोगकारक मानी जाती है।
ककड़ी स्वाद में मधुर, मूत्रकारक, वातकारक, स्वादिष्ट तथा पित्त का शमन करने वाली होती है।
उल्टी, जलन, थकान, प्यास, रक्तविकार, मधुमेह में ककड़ी फायदेमंद हैं।
ककड़ी के अत्यधिक सेवन से अजीर्ण होने की शंका रहती है, परन्तु भोजन के साथ ककड़ी का सेवन करने से अजीर्ण का शमन होता है। ककड़ी की ही प्रजाति खीरा व कचरी है। ककड़ी में खीरे की अपेक्षा जल की मात्रा ज्यादा पायी जाती है। ककड़ी के बीजों का भी चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है।

1- ककड़ी का रस निकालकर मुंह, हाथ व पैर पर लेप करने से वे फटते नहीं हैं तथा मुख सौंदर्य की वृध्दि होती है।

2- ककड़ी काटकर खाने या ककड़ी व प्याज का रस मिलाकर पिलाने से शराब का नशा उतर जाता है। बेहोशी में ककड़ी काटकर सुंघाने से बेहोशी दूर होती है।

3- ककड़ी के बीजों को ठंडाई में पीसकर पीने से ग्रीष्म ऋतु में गर्मीजन्य विकारों से छुटकारा प्राप्त होता है।

4- ककड़ी की जड़ 10 ग्राम, एक कप दूध व एक कप पानी में मसलकर धीमी आंच पर पकाएं। जब दूध शेष रह जाय तब गर्भवती स्त्री को पिलाने से गर्भावस्था में होने वाले उदरशूल से मुक्ति मिलती है।

5- ककड़ी की मींगी एक तोला, सफेद कमल की पंखुड़ी एक तोला, जीरा आधा चम्मच तथा मिश्री एक चम्मच, सभी को महीन पीसकर सेवन करने से श्वेत प्रदर रोग में लाभ होता है।

6- ककड़ी के बीज पानी के साथ पीसकर चेहरे पर लेप करने से चेहरे की त्वचा स्वस्थ व चमकदार होती है।

7- ककड़ी के रस में शक्कर या मिश्री मिलाकर सेवन करने से पेशाब की रुकावट दूर होती है।

8- ककड़ी की मींगी मिश्री के साथ घोंटकर पिलाने से पथरी रोग में लाभ पहुंचता है।
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ककड़ी का रस निकालकर मुंह, हाथ व पैर पर लेप करने से वे फटते नहीं हैं तथा मुख सौंदर्य की वृध्दि होती है। ककड़ी काटकर खाने या ककड़ी व प्याज का रस मिलाकर पिलाने से शराब का नशा उतर जाता है। ककड़ी से त्वचा चिकनी होती है। ककड़ी भूख को बढ़ाती है और मन को शांत करती है। इसके सेवन से दस्त रोग में लाभ मिलता है। यह गर्मी को शांत करती और बेहोशी को दूर करती है। पकी ककड़ी का उपयोग करने से गर्मी शांत होती है एवं पाचनशक्ति बढ़ती है। यह पित्त से उत्पन्न दोषों को दूर करती है। इसका सेवन अधिक मात्रा में करने से वातज्वर और कफ पैदा हो सकता है।

तुलसी के औषधीय गुण//Medicinal properties of Basil

तुलसी के औषधीय गुणMedicinal properties of Basil
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तुलसी न सिर्फ समाज में पूजनीय है, बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी हैं।
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 जानिये इसके फ़ायदे:


इसका स्‍वाद भले ही कुछ लोगों को पसंद न आए, लेकिन सेहत के लिए यह बहुत फायदेमंद है। खासतौर पर दिल के लिए इसे अत्‍यंत उपयोगी माना जाता है। तुलसी पित्तनाशक, वातनाशक, कुष्ठरोग निवारक, पसली में दर्द, खून में विकार, कफ और फोड़े-फुन्सियों के उपचार में रामबाण की तरह फायदा करती है। 


कड़वी और तीखी तुलसी सांस, कफ और हिचकी को तुरन्त मिटा देती है। उल्‍टी होने, दुर्गन्ध, कुष्ठ, विषनाशक तथा मानसिक पीड़ा को मिटाने में बड़ी कारगर सिद्ध होती है। तुलसी की महत्ता के साक्ष्‍य बारे में कई ऐतिहासिक पुस्‍तकों में वर्णन मिलता है। इसका प्रयोग वैद्यों द्वारा बहुत पहले से होता आया है। मंदिरों में पूजा-अर्चना के पश्चात् गंगाजल में तुलसी के पत्तों को डालकर प्रसाद वितरण किया जाता है। इन सब प्रयोगों के पीछे एक ही संकेत है कि लोग तुलसी का प्रयोग अपनी दैनिक जीवनचर्या में निरन्तर करें तो कई बीमारियों से फायदा होगा। 

जहां पर तुलसी के पौधे का आरोपण होगा वहां की वायु भी शुद्ध होगी और विषैले कीटाणु भी प्रभावहीन हो जाते है। यूनानी चिकित्सकों के मतानुसार तुलसी के सेवन से रोगाणु नष्ट होने लगते है। यह एक प्रकार की हृदय में शक्ति भर देने की महाऔषधि है। वायु को परिशोधित करने की शक्ति रखती है। उनकी दृष्टि में इस पौधे में अनेकों तरह के औषधीय गुण विद्यमान रहते है। एलोपैथी चिकित्सा प्रणाली में तो इसे सद्गुण सम्पन्न बताया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि तुलसी में मलेरिया रोग को भगाने की शक्ति विद्यमान है। सर्दी, खांसी, निमोनिया को नष्ट कर देती है। 

स्वास्थ्य-संवर्धन की दृष्टि से तुलसी की गंध को अत्यधिक उपयोगी माना जाता है। इसकी पीली पत्तियों में हरे रंग के एक तैलीय पदार्थ की सत्ता समाहित है। हवा में इस औषधि के मिलने से कई कीटाणु समाप्‍त होते हैं। रात्रि को सोते समय यदि तुलसी को कपूर को हाथ-पैरों पर मालिश कर लिया जाए तो मच्छर पास नहीं आयेंगे। 

पानी में तुलसी डालकर प्रयोग करने से कई बीमारियां समाप्‍त होती हैं। तुलसी की पत्तियों को मिलकार जल नित्य प्रति सेवन करने से मुखमण्डल का तेज निखर कर आता है। तुलसी का प्रयोग करने से स्मरणशक्ति बढ़ती है। तुलसी में एक विशेष प्रकार का एसिड पाया जाता है जो दुर्गन्ध को भगाता है। भोजन के पश्चात तुलसी की दो-चार पत्तिया चबा लेने से मुंह से दुर्गंध नही आती है। 

दमा अथवा तपैदिक के रोगी को तुलसी की लकड़ी अपने पास सदैव रखनी चाहिए। तुलसी की माला पहनने संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा कम होता है। तुलसी विश्व प्रसिद्ध औषधि है और उच्चतम कोटि का रसायन है। तुलसी के प्रयोग से शरीर के सफेद दाग मिटते और सुन्दरता बढ़ती है। क्योंकि इसमें रक्त शोधन क्षमता विद्यमान है। नींबू के रस में तुलसी की पत्तियों का रस मिलाकर चेहरे पर लगाया जाये तो चर्मरोग मिटता है और चेहरा खिलता है। तुलसी की पत्तियों को सुखाकर उसमें दालचीनी, तेजपत्र, सौंफ, बड़ी इलायची, अगियाघास, बनफशा, लाल चंदन और ब्राह्मी को मिलायें और कूट डालें। उसपाउडर को किसी कांच के बर्तन में रख लें। चाय के स्थान पर इसका प्रयोग करने से चाय की हानियों से भी बचेंगे और स्वस्थ भी रहेंगे।

गन्ने का रस/sugarcane juice

गन्ने का रस ---sugarcane juice 
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 दांतों से चूस कर गन्ने का रस लेना सबसे अच्छा है. पर कोलगेट-पेप्सोडेंट और जंक फ़ूड की कृपा से यह हर एक के लिए तो संभव नहीं. इसलिए ऐसा गन्ने के रस वाला चुने जो साफ़ सफाई से रस निकालता हो.अपने साथ एक डब्बा ले कर उसमे रस भरवाया जा सकता है.

-गन्ने का रस पिने से कई लोगों को रोज़गार मिलता है.
- जब भी धुप में घूमते हुए गन्ने का रस पिने का मन हो एक दम से धुप में से छाँव में आ कर रस नहीं पीना चाहिए. १० मि बाद पिए.
- इसमें पालक , पुदीना , अदरक , निम्बू , काला और सेंधा नमक , काली मिर्च आदि मिलवा कर पीना चाहिए.
- गन्ने के रस में ज्यादा बर्फ मिलाकर नहीं पीना चाहिए, सिर्फ रस पीना ज्यादा फायदेमंद है।
- इसे पीने से कई तरह की बीमारियां जैसे, एनीमिया, जौण्डिस, हिचकी आदि ठीक हो जाते हैं। - - अम्लपित्त, रोगों में गन्ने का ताजा रस काफी फायदेमंद है।
- बुखार होने पर गन्‍ने का सेवन करने से बुखार जल्दी उतर जाता है।
- पीलिया ठीक करने के लिये रोज दो गिलास गन्‍ने के रस में नींबू और नमक मिला कर पीना चाहिये।
- इंग्लैण्ड के डेनीमीड हैल्थ सेण्टर के डॉ. टी.जे. गोल्डर ने सामान्य मनुष्यों और मधुमेह के रोगियों पर प्रयोग से पाया कि गन्ने का रस या राव खिलाने पर रक्त की शर्करा में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं होती जब कि शक्कर जो इसी रस के कृत्रिम विधि द्वारा संशोषित की जाती है, देने पर रक्त में एकदम बढ़ती है व लीवर आदि अंगों की कार्य क्षमता में बाधक बनती है ।
- एसीडिटी के कारण होने वाली जलन में भी गन्ने का रस लाभदायक होता है।
- गन्ने के रस का सेवन यदि नींबू के रस के साथ किया जाए तो पीलिया जल्दी ठीक हो जाता है।
- मूत्र पथ के संक्रमण, यौन संचारित रोगों और पेट में सूजन आदि गन्‍ने के रस से ठीक हो जाती है।
- पथरी तभी बनती है जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है और लगातार पानी की कमी को पूरा करने से यह ठीक भी हो जाती है। इसे गायब करने के लिये रोज गन्‍ने का रस पीजिये क्‍योंकिे यह स्‍टोन को तोड़ कर उसे घुला देता है।
- गन्‍ने में बहुत सा विटामिन और मिनरल पाया जाता है जो कि शरीर के लिये बहुत अच्‍छा माना जाता है। गन्ने के रस में फास्फोरस, लोहा, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है।
- यदि आप सोचते हैं कि गन्‍ने का रस मीठा होता है इसलिये यह सर्दी, जुखाम में पीने के लिये खराब है तो आप गलत हैं। यह सर्दी जुखाम को पल भर में सही कर देता है।
- अल्‍कलाइन प्रकृति होने की वजह से यह कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है। विशेष रूप से प्रोस्‍ट्रेट , पेट, फेफड़े और स्तन कैंसर।
- कई लोगों को ज्‍यादा पानी पीने की आदत नहीं होती जिससे उन्‍हें डीहाइड्रेशन हो जाता है। शरीर में पानी की कमी ना होने पाए इसके लिये गन्‍ने का रस पीजिये। गर्मियों में भी अपने शरीर को ठंडा रखने के लिये गन्‍ने का रस पीजिये।
- गन्ने के रस में अदरक का रस एवं नारियल पानी मिलाकर सेवन करने से पाचन क्रिया सुधरती है.
- हृदय की जलन व कमजोरी दूर होती है।
- यह जीवनीशक्ति व नेत्रों की आर्द्रता को कायम रखता है.
- गन्ने का रस पीने से हिचकी बंद हो जाती है .
- शिवजी को भी गन्ने के रस से अभिषेक प्रिय है. गन्ने के रस से अभिषेक करना मानसिक शांति देने के साथ घर-परिवार से भी कलह का अंत करता है। साथ ही धनी, भाग्यवान व रूप व संतान की चाहत भी पूरी करता है। स्नान के बाद यथाशक्ति गन्ने के रस की धारा शिवलिंग पर नीचे लिखें मंत्र या पंचाक्षरी मंत्र नम: शिवाय बोलकर अर्पित करें -

रूपं देहि जयं देहि भाग्यं देहि महेश्वर:।
पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान्कामांश्च देहि मे।।

पान के औषधीय गुण/Medicinal properties of Hearts

पान के औषधीय गुण/Medicinal properties of Hearts
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भारतीय संस्कृति में पान को हर तरह से शुभ माना जाता है। धर्म, संस्कार, आध्यात्मिक एवं तांत्रिक क्रियाओं में भी पान का इस्तेमाल सदियों से किया जाता रहा है।

इसके अलावा पान का रोगों को दूर भगाने में भी बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। खाना खाने के बाद और मुंह का जायका बनाए रखने के लिए पान बहुत ही कारगर है। कई बीमारियों के उपचार में पान का इस्तेमाल लाभप्रद माना जाता है

* पान में दस ग्राम कपूर को लेकर दिन में तीन-चार बार चबाने से पायरिया की शिकायत दूर हो जाती है। इसके इस्तेमाल में एक सावधानी रखना जरूरी होती है कि पान की पीक पेट में न जाने पाए।

* चोट लगने पर पान को गर्म करके परत-परत करके चोट वाली जगह पर बांध लेना चाहिए। इससे कुछ ही घंटों में दर्द दूर हो जाता है। खांसी आती हो तो गर्म हल्दी को पान में लपेटकर चबाएं।

* यदि खांसी रात में बढ़ जाती हो तो हल्दी की जगह इसमें अजवाइन डालकर चबाना चाहिए। यदि किडनी खराब हो तो पान का इस्तेमाल बगैर कुछ मिलाए करना चाहिए। इस दौरान मसाले, मिर्च एवं शराब (मांस एवं अंडा भी) से पूरा परहेज रखना जरूरी है।

* जलने या छाले पड़ने पर पान के रस को गर्म करके लगाने से छाले ठीक हो जाते हैं। पीलिया ज्वर और कब्ज में भी पान का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। जुकाम होने पर पान में लौंग डालकर खाने से जुकाम जल्दी पक जाता है। श्वास नली की बीमारियों में भी पान का इस्तेमाल अत्यंत कारगर है। इसमें पान का तेल गर्म करके सीने पर लगातार एक हफ्ते तक लगाना चाहिए।

* पान में मुलेठी डालकर खाने से मन पर अच्छा असर पड़ता है। यूं तो हमारे देश में कई तरह के पान मिलते हैं। इनमें मगही, बनारसी, गंगातीरी और देशी पान दवाइयों के रूप में ज्यादा कारगर सिद्ध होते हैं। भूख बढ़ाने, प्यास बुझाने और मसूड़ों की समस्या से निजात पाने में बनारसी एवं देशी पान फायदेमंद साबित होता है।
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चेतावनी : कत्था युक्त पान का प्रयोग मुंह के कैंसर का कारण भी हो सकता है। यहां सिर्फ पान के औषधीय महत्व की जानकारी दी गई है।

मक्का के फायदे//The advantages of maize.(CORN)

मक्का के फायदे//The advantages of maize(CORN)
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भुट्टा या मक्का सेहत का खजाना है। भुट्टे को पोषण के हिसाब से बेहतरीन माना जाता है। इसकी खासियत यह है कि पकाने के बाद इसकी पौष्टिकता बढ जाती है। पके हुए भुट्टे में पाया जाने वाला कैरोटीनायड विटामिन-ए का अच्छा स्रोत होता है। भुट्टे को पकाने के बाद उसके 50 प्रतिशत एंटी-ऑक्सीअडेंट्स बढ़ जाते हैं। पके हुए भुट्टे में फेरूलिक एसिड होता है जो कि कैंसर जैसी बीमारी में लड़ने में बहुत मददगार होता है। मक्के में कैरोटीन होता है जिसके कारण इसका रंग पीला होता है। इसके अलावा भुट्टे में मिनरल्स और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। कार्न को एक बेहतरीन कोलेस्ट्रॉल फाइटर माना जाता है, जो दिल के मरीजों के लिए बहुत अच्छा है। आइए हम आपको भुट्टे के फायदे के बारे में जानकारी देते हैं।

भुट्टे के लाभ –

खांसी के मरीजों के लिए भुट्टा बहुत फायदेमंद होता है। भुट्टा जलाकर उसकी राख पीस लीजिए। इसमें स्वादानुसार सेंधा नमक मिला लीजिए। हर रोज कम से कम चार बार एक चौथाई चम्मच हल्का गरम पानी के साथ फांक लीजिए। खांसी समाप्त हो जाती है।

बच्चों के विकास के लिए भुट्टा बहुत फायदेमंद माना जाता है। ताजे दूधिया (जो कि पूरी तरह से पका न हो) मक्का के दाने पीसकर एक खाली शीशी में भरकर उसे धूप में रखिए। जब उसका दूध सूख कर उड़ जाए और शीशी में केवल तेल रह जाए तो उसे छान लीजिए। इस तेल को बच्चों के पैरों में मालिश कीजिए। इससे बच्चों का पैर ज्यादा मजबूत होगा और बच्चा जल्दी चलने लगेगा।
इस तेल को पीने से शरीर शक्तिशाली होता है। हर रोज एक चम्मच तेल को चीनी के बने शर्बत में मिलाकर पीने से बल बढ़ता है।

ताजा मक्का के भुट्टे को पानी में उबालकर उस पानी को छानकर मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन व गुर्दों की कमजोरी समाप्त हो जाती है।
पथरी निकालने के लिए भी मक्का फायदेमंद है। भुट्टे और जौ को जलाकर राख कर लीजिए। दोनों को अलग-अलग पीस कर अलग-अलग शीशियों में भर लीजिए। एक कप पानी में एक-एक चम्मच मक्का और जौ की राख घोलें फिर छानकर इस पानी को पी लीजिए। इससे पथरी गल जाएगी और पेशाब में जलन नहीं होगी।
टीबी के मरीजों के लिए मक्का बहुत फायदेमंद है। टीबी के मरीजों को हर रोज मक्के की रोटी खाना चाहिए। इससे टीबी के इलाज में फायदा होगा।

बरसात के मौसम में भुट्टा खाने का अपना अलग ही मजा होता है। मूवी देखते वक्त पॉपकार्न खाने से मूवी का मजा बढ जाता है। कार्न की विभिन्न प्रकार की रेसेपीज बनाई जाती है।