आईसआईएस से रिहाई के बाद आज घर पहुंचेंगी सभी 46 नर्सें
इराक के तिकरित में बंधक बनाई गईं 46 भारतीय नर्सों को आईएसआईएस के जिहादी
गुरुवार शाम से शुक्रवार सुबह तक चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद छोड़ने को
तैयार हो गए। नर्सों के साथ इराक से करीब 70 अन्य भारतीयों को एयर इंडिया
के स्पेशल प्लेन से भारत लाया जा रहा है। यह प्लेन आज सुबह किसी भी वक्त
भारत पहुंच सकता है। अब केंद्र सरकार ने मोसुल में बंधक बनाए गए 39
भारतीयों को भी जल्द छुड़ा लेने का भरोसा जताया है।
इन नर्सों को सुन्नी जिहादी गुरुवार दोपहर बाद अज्ञात जगह ले गए थे। इसके बाद इनकी रिहाई को लेकर सभी लोग नाउम्मीद हो चुके थे। लेकिन अचानक भारतीय कोशिश रंग लाई और जिहादी नर्सों को कुर्द इलाके के बॉर्डर पर छोड़ने को तैयार हो गए। यहां से नर्सों को शुक्रवार को एरबिल लाया गया। एरबिल कुर्द लोगों का स्वायत्त इलाका कुर्दिस्तान की राजधानी है, यहां लड़ाई नहीं चल रही है। शाम को एयर इंडिया का विशेष विमान उन्हें लेकर भारत के लिए रवाना हो गया। विमान शनिवार सुबह कोच्चि में उतरेगा क्योंकि सभी नर्सें केरल की रहने वाली हैं। उनके साथ विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव एस.के. सिन्हा और केरल की एक आईएएस अधिकारी भी आ रहे हैं।
इन नर्सों को एक पखवाड़े से बंधक बनाकर रखा गया था। पहले तो इन्होंने वहां से निकलने से इनकार कर दिया था लेकिन तिकरित में जब हालात खराब होने लगे तो उन्होंने मदद की गुहार लगाई। लेकिन तब तक तिकरित से निकलने के सभी रास्तों पर सुन्नी विद्रोहियों का कब्जा हो चुका था। भारतीय नर्सों को तिकरित से निकालकर जिहादियों ने मोसुल की एक पुरानी इमारत में रखा था। यहीं से कुछ नर्सों ने अपने परिजनों को फोन कर जरूरी जानकारी दी थी। नर्सों को रिहाई किन शर्तों पर हुई, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह खुलासा करने से इनकार कर दिया। सभी उपायों का सहारा लिया गया।
नर्सों की रिहाई में सरकार के डिप्लोमैटिक लेवल पर किए गए प्रयासों से भी
मदद मिली। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि हमने हर दरवाजा खटखटाया
था। उसी में से एक जगह बात बन गई। यह सब कैसे हुआ, फिर कभी बताएंगे।इन नर्सों को सुन्नी जिहादी गुरुवार दोपहर बाद अज्ञात जगह ले गए थे। इसके बाद इनकी रिहाई को लेकर सभी लोग नाउम्मीद हो चुके थे। लेकिन अचानक भारतीय कोशिश रंग लाई और जिहादी नर्सों को कुर्द इलाके के बॉर्डर पर छोड़ने को तैयार हो गए। यहां से नर्सों को शुक्रवार को एरबिल लाया गया। एरबिल कुर्द लोगों का स्वायत्त इलाका कुर्दिस्तान की राजधानी है, यहां लड़ाई नहीं चल रही है। शाम को एयर इंडिया का विशेष विमान उन्हें लेकर भारत के लिए रवाना हो गया। विमान शनिवार सुबह कोच्चि में उतरेगा क्योंकि सभी नर्सें केरल की रहने वाली हैं। उनके साथ विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव एस.के. सिन्हा और केरल की एक आईएएस अधिकारी भी आ रहे हैं।
इन नर्सों को एक पखवाड़े से बंधक बनाकर रखा गया था। पहले तो इन्होंने वहां से निकलने से इनकार कर दिया था लेकिन तिकरित में जब हालात खराब होने लगे तो उन्होंने मदद की गुहार लगाई। लेकिन तब तक तिकरित से निकलने के सभी रास्तों पर सुन्नी विद्रोहियों का कब्जा हो चुका था। भारतीय नर्सों को तिकरित से निकालकर जिहादियों ने मोसुल की एक पुरानी इमारत में रखा था। यहीं से कुछ नर्सों ने अपने परिजनों को फोन कर जरूरी जानकारी दी थी। नर्सों को रिहाई किन शर्तों पर हुई, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह खुलासा करने से इनकार कर दिया। सभी उपायों का सहारा लिया गया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि इराक में करीब दस हजार भारतीय हैं। इनमें से ज्यादातर ऐसे इलाकों में हैं, जहां लड़ाई नहीं चल रही। इनमें से दो हजार लोगों ने स्वदेश लौटने की इच्छा जताई है, जिसका इंतजाम किया जा रहा है।
इराक और सीरिया के अपने कब्जे वाले इलाकों को इस्लामिक स्टेट घोषित कर चुके सुन्नी विद्रोहियों ने शुक्रवार को पूर्वी सीरिया के अल तनाक ऑयल फील्ड पर कब्जा कर लिया। सीरिया के सभी प्रमुख ऑयल और गैस फील्ड्स पर जिहादियों का कब्जा है।
सुन्नी विद्रोहियों को इराकी सेना कड़ी टक्कर दे रही है। गुरुवार देर रात आर्मी ने सद्दाम हुसैन के पुश्तैनी गांव आवजा को विद्रोहियों के शिकंजे से छुड़ा लिया। पीएम के सैन्य प्रवक्ता ने दावा किया कि करीब एक घंटे तक चली लड़ाई में 30 आतंकवादी मारे गए।
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