Friday 11 July 2014

चोकर Bran

                                  चोकर    Bran

गेंहूँ के छिलके को चोकर कहते है  इसमे सब्जियां के के फुजला ( फोक ) से ही अधिक रोग प्रतिरोधक शक्ति होती है, साथ ही लोह, कैल्शियम और विटामिन 'बी' पर्याप्त मात्र में पाए जाते है जो क्रमश: रक्त बढ़ने, हड्डियों को मजबूत करने और भूख बढ़ने में सहायक सिद्ध होते है । पुराने समय में अनाज घर में ही पिसा जाता था, हाथ कि चक्की से हाथ से पिसे गए अनाज में चोकर ज्यादा रहता था लेकिन आजकल बिजली की चक्की से पिसे अनाज का आटा उपयोग में लिया जाता है, जो बहुत बारीक़ पिसा जाता है, उसमे चोकर नाम मात्र होता है उसको भी बारीक़ छाननी से निकाल फेंक दिया जाता है, बहुत महीन बारीक़ आटे का प्रयोग करने से कब्ज का होना सामान्य बात है जब तक चोकर रहित आटे का उपयोग किया जाता रहेगा तब तक कब्ज से छुटकारा मिलना मुश्किल है । आटे में चोकर आवश्यक ! यदि घर में संभव न हो तो बाहर कि चक्की में मोटा आटा पिसवाना चाहिए, और उसे छाने बिना ही उपयोग में लेना चाहिए ! आटा गूँथ कर रखे इसके एक घंटे के बाद रोटी बनाये, इससे चोकर के कण फुल जाते है, और रोटी स्वादिष्ट बनती है, फूलने पर चोकर पानी सोख कर नरम हो जाता है 

चोकर से कब्ज दूर होती है | यह आँतों में से आसानी से मल का निस्तारण करता है अतः इसके सेवन से मरोड़ की समस्या दूर हो जाती है | मोटापा घटाने में भी चोकर सहायता करता है क्यूंकि चोकर युक्त रोटी के सेवन से भोजन में कमी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती और वजन कम हो जाता है | चोकर के सेवन से आँतों की बीमारी नहीं होती तथा यह भगंदर व बवासीर आदि रोगों से भी शरीर की रक्षा करता है | यह आमाशय के घाव ठीक करता है तथा हृदय रोगों और कोलेस्ट्रोल से भी शरीर की रक्षा करता है | चोकर पेट के अंदर के मल को भी साफ़ करता है,इसी कारण से चोकर का सेवन करने वाले का मन तथा दिमाग शांत रहता है |
चोकर विटामिन बी, रिबोफ्लेविन, नैक्सिन, थाईमाइन, विटामिन-ई और विटामिन-के जैसे पोषक तत्वों का प्रमुख स्रोत होता है। चोकर फाईबर का भी प्रमुख स्रोत है। फाईबर शरीर में पाए जाने वाले कोलोन नाम के विषैले तत्व को सोखने का काम करता है। यह शरीर का वजन कम करने में मददगार होता है। एक कप चोकर में शरीर को 25 ग्राम फाईबर मिलता है। कब्ज के मरीजों के लिए चोकर काफी फायदेमंद होता है। चोकर जैसे फाईबरयुक्त खाद्य वस्तु का इस्तेमाल करने से कब्ज जैसी समस्या की आशंका कम हो जाती है। महिलाओं में एस्ट्रोजेन, स्तन कैंसर का प्रमुख कारण होता है, जो स्तन में ट्यूमर को बढ़ाता है। चोकर शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को बढऩे से रोकता है। चोकर का नियमित इस्तेमाल करने से हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है। चोकर में भारी मात्रा में साईटिक एसिड होता है। यह एंटी-ऑक्सिडेंट होता है। महिलाओं द्वारा फाईबरयुक्त खाद्य वस्तुएं कम मात्रा में लेने के कारण, पित्ताशय में स्टोन होने का खतरा बढ़ जाता है। चोकर से शरीर में फाईबर की मात्रा बढ़ती है और स्टोन के खतरे पर अंकुश लगता है। बच्चों में अस्थमा रोकने में भी चोकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चोकर में ओमेगा जैसे वसा पाए जाते हैं, जो कार्डियाक, साकारात्मक सोच, लचीलापन आदि बढ़ाने में सहयोगी होते हैं। चोकर मैग्निशियम का भी प्रमुख स्रोत है। अन्य एंजाईमों के सहयोग से यह इंसुलिन के स्राव और ग्लूकोज के उपयोग में मदद करता है। इससे डायबिटिज का खतरा कम हो जाता है। चोकर से कई अन्य तरह के पोषक तत्व भी मिलते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं।

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