Friday 13 September 2013

शरीफा

शरीफा : सिर्फ फल नहीं, औषधि भी



शरीफा : सिर्फ फल नहीं, औषधि भी शरीफा (सीताफल) एक मीठा फल है. इसमें काफी मात्र में कैलोरी होती है. यह आसानी से हजम होनेवाला और अल्सर व अम्ल पित्त के रोग में ज्यादा लाभकारी होता है. इसमें आयरन और विटामिन-सी का एक अच्छा स्रोत है.
कई रोगों में रामबाण
फोड़ा: शरीफा के पत्तों को पीस कर फोड़ों पर लगाने से फोड़े ठीक हो जाते हैं.
शरीर की जलन : शरीफा सेवन करने या इसके गूदे से बने शरबत शरीर की जलन को ठीक करता है.
बालों के रोग : शरीफा के बीजों को बकरी के दूध के साथ पीस कर बालों में लगाने से सिर के उड़े हुए बाल फिर से उग आते हैं.
जूओं का पड़ना : शरीफा के बीजों को बारीक पीस कर रात को सिर में लगा लें और किसी मोटे कपड़े से सिर को अच्छी तरह बांध कर सो जाएं. इससे जुएं मर जाती हैं. इस बात का ध्यान रखें कि यह आंखों तक न पहुंचे, क्योंकि इससे आंखों में जलन व अन्य नुकसान हो सकता है.शरीफा के पत्तों का रस बालों की जड़ो में अच्छी तरह मालिश करने से जुएं मर जाती हैं.
अतिसार: सीताफल का कच्चा फल खाना अतिसार और पेचिश में उपयोगी है. श्रेष्ठ फल ही नहीं, औषधि भी शरीर की दुर्बलता, थकान, मांस-पेशियां क्षीण होने की दशा में सीताफल का सेवन करने से मांसवृद्धि होती है. यह शरीर के लिए अत्यंत श्रेष्ठ फल है. घबराहट, हृदय की क्रिया को स्वाभाविक बना देता है. इसकी एक बड़ी किस्म और होती है, जिसे रामफल कहते हैं. व्रत के दिनों में फलाहार के रूप में इसे खाते
हैं. पूरक आहार के रूप में इसका सेवन किया जाता है.


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