Thursday 8 August 2013

काली मिर्च Black pepper

काली मिर्च --Black pepper

- लाल मिर्च की अपेक्षा यह कम दाहक और अधिक गुणकारी है। इसीलिए मसाले में लाल मिर्च की बजाय काली मिर्च का उपयोग प्रचलित है। काली मिर्च का योग्य रीति से उपयोग किया जाए तो वह रसायन गुण देती है। आयुर्वेद में काली मिर्च को सभी प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस आदि का नाश करने वाली औषधि माना जाता है।
- यूनानी मतानुसार काली मिर्च उदरपीड़ा, डकार और अफारा मिटाकर कामोत्तेजना एवं विरेचन करती है। अरुचि, जीर्ण ज्वर, दांत दर्द, मसूड़ों की सूजन, पक्षाघात, नेत्ररोग आदि पर भी यह हितकारी है।
- जुकाम होने पर काली मिर्च मिलाकर गर्म दूध पीएं। यदि जुकाम बार-बार होता है, अक्सर छीकें आती हैं तो काली मिर्च की संख्या एक से शुरू करके रोज एक बढ़ाते हुए पंद्रह तक ले जाए फिर प्रतिदिन एक घटाते हुए पंद्रह से एक पर आएं। इस तरह जुकाम एक माह में समाप्त हो जाएगा।
- खांसी होने पर आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण और आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार चाटें। खांसी दूर हो जाएगी।
- गैस की शिकायत होने पर एक कप पानी में आधे नीबू का रस डालकर आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण व आधा चम्मच काला नमक मिलाकर नियमित कुछ दिनों तक सेवन करने से गैस की शिकायत दूर हो जाती है।
गला बैठना : काली मिर्च को घी और मिश्री के साथ मिलाकर चाटने से बंद गला खुल जाता है और आवाज़ सुरीली हो जाती है। आठ-दस काली मिर्च पानी में उबालकर इस पानी से गरारे करें, इससे गले का संक्रमण खत्म हो जाएगा।
त्वचा रोग : काली मिर्च को घी में बारीक पीसकर लेप करने से दाद-फोड़ा, फुंसी आदि रोग दूर हो जाते हैं। 
- आधा चम्मच पिसी काली मिर्च थोड़े- से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।
- पेट में कीड़े की समस्या से ग्रस्त हैं तो काली मिर्च को किशमिश के साथ 2-3 बार चबाकर खा जाएं। एक गिलास छाछ में थोड़ी सा काली मिर्च का पाउडर मिलाकर पीने से भी पेट के कीड़े मर जाते हैं।
- दांतों में होने वाले रोग पायरिया से परेशान हैं और दांत कमजोर हैं तो काली मिर्च को नमक के साथ मिलाकर दांतों पर लगाएं, जल्द ही लाभ होगा।
- गठिया के रोगियों के लिए भी काली मिर्च काफी फायदेमंद साबित होती है। काली मिर्च को तिल के तेल में जलने तक गर्म करें। उसके बाद ठंडा होने पर उस तेल को मांसपेशियों पर लगाएं, दर्द में आराम मिलेगा।
- आपकी याददाश्त कमजोर है तो काली मिर्च को शहद में मिलाकर खाएं।
- यदि पेट में कांटा, कांच का टुकडा आदि खाने के साथ या किसी भी भांति चला जाए तो पके हुए अनन्नास के साथ काली मिर्च और सेधा नमक लगाकर खाने से पेट में गया हुआ कांच या कांटा निकल जाता है। 
- कब्ज होने पर काली मिर्च के चार-पांच साबुत दाने दूध के साथ रात को लेने से कब्ज में लाभ मिलता है।
- मलेरिया होने पर काली मिर्च के चूर्ण को तुलसी के रस में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
- काली मिर्च में मौजूद पिपराइन नामक यौगिक त्वचा में पिगमेंट बनाने में सहायक होता है जिससे ही त्वचा का रंग निर्धारित होता है। पिपराइन त्वचा में न केवल पिगमेंट के बनने की गति को तीव्र कर देता है बल्कि विटिलिगो के कास्मेटिक्स से किए जाने वाले इलाज की अपेक्षा कहीं ज्यादा कारगर साबित होता है। इससे भविष्य में विटिलिगो के इलाज में और भी दवाएं बनाई जा सकेंगी। 
- यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करे। 
- यह एक बढिय़ा एंटीऑक्सीडेंट है। यह मैंगनीज और आयरन जैसे पोषक तत्वों का बढिय़ा स्रोत है, जो शरीर के सुचारु रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक है।
- - काली मिर्च को सुई से छेद कर दीये की लौ से जलाएं। जब धुआं उठे तो इस धुएं को नाक से अंदर खीच लें। इस प्रयोग से सिर दर्द ठीक हो जाता है। हिचकी चलना भी बंद हो जाती है। - काली मिर्च 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट-पीस कर मिला लें। इसे सुबह -शाम पानी के साथ फांक लें। बवासीर रोग में लाभ होता है।

No comments:

Post a Comment